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हाथरस केस में हो सकती है ED की एंट्री, विदेशी फंडिंग के जरिए दंगा भड़काने की साजिश होगी जांच!

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले (Hathras Case) में दलित युवती से कथित गैंगरेप और मौत के मामले में पूरे देश में आक्रोश है, गुस्सा है. पूरे देश में धरने प्रदर्शन चल रहे हैं. इसके अलावा राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है. लेकिन अब इस मामले में  प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एंट्री हो सकती है, जहां पर फंडिंग की जांच को लेकर मामला दर्ज हो सकता है.

हाथरस में सोमवार को धारा153 ए के तहत जो मुकदमा कायम किया गया है जो प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के अंतर्गत अधिसूचित अपराध है. जितना पैसा इकट्ठा किया गया है उसे जब्त किया जा सकता है. ऐसे मामलों में धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत 7 साल की सजा का प्रावधान है.

इस दौरान कई ऐसी एजेंसियों की मदद ली जाएगी, जो आईपी एड्रेस खंगालने, ई-मेल आईडी, फोन नंबर, वेबसाइट, वेब लिंक जैसे तारों को जोड़ पाए. जो वेब प्लेटफॉर्म इस मामले में निशाने पर है वो मुख्य रूप से अमेरिकी बेस्ड है.

ईडी जातीय हिंसा भड़काने के मकसद से वेबसाइट बनाकर दुष्प्रचार किए जाने के संबंध में हाथरस पुलिस (Hathras police) द्वारा दर्ज एफआईआर की जांच कर रहा है. वो इस संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज करने की तैयारी में है.

इस वेबसाइट के माध्यम से जो धन आया उसे क्राइम के लिए इस्तेमाल किया गया है. ऐसे में प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में जांच के बाद पीएमएलए के तहत एफआईआर दर्ज करेगा और फिर ऐसे लोगों की गिरफ्तारियां की जाएंगी जो इसमें शामिल रहे हैं. ईडी इस वेबसाइट द्वारा एकत्रित धन के अंतिम लाभार्थियों की भी जांच करेगा.

बता दें कि प्रदेश सरकार ने आरोप लगाया है कि इस घटना की आड़ में प्रदेश में जातीय दंगा भड़काने की कोशिश हो रही थी, जिसके लिए वेबसाइट बनाकर और अन्य प्लेटफॉर्म के जरिए फंड इकट्ठा किया जा रहा था.

प्लेटफार्म कार्ड डाट कॉम पर बनाई गई इस वेबसाइट के जरिए पीड़िता के परिजनों के नाम पर काफी धन एकत्र करने का अंदेशा है. ऐसे में जो पैसे आए वो कहां-कहां गए, इसका पता प्रवर्तन निदेशालय भी लगा रहा है.

आपको बता दें कि हाथरस में 14 सितंबर को दलित युवती के साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आया. पिछले मंगलवार को उसकी दिल्‍ली के एक अस्‍पताल में मौत हो गई. गत बुधवार को उसका अंतिम संस्‍कार कर दिया गया. रात में जबरन अंतिम संस्‍कार कराये जाने का विपक्षी दलों ने आरोप लगाया.तबसे इस मामले ने तूल पकड़ लिया है और उत्‍तर प्रदेश की राजनीति दलितों के उत्‍पीड़न के मुद़दे पर केंद्रित हो गई है.

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