लखनऊ। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अंतर्गत आयोजित किये जा रहे पांच दिवसीय ओरिएंटेशन प्रोग्राम के दूसरे दिन प्रथम पाली के लेक्चर में डॉ. योगेन्द्र पांडे, एसोसिएट प्रोफेसर, पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग, कानपुर विश्वविधालय ने विधार्थियों के सम्मुख जनसंपर्क से सम्बंधित तकनीक एवं उपकरण के सन्दर्भ में अपना व्यख्यान दिया। अपने व्यख्यान में डॉ. पांडे ने बताया कि आज के समय में जनसंपर्क की उपयोगिता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
एडवरटाइजिंग की भांति जनसंपर्क भी जन संचार के क्षेत्र में अपनी उपयोगिया साबित कर रहा है। उद्योग जगत के साथ-साथ राजनैतिक जनप्रचार में भी जनसंपर्क का उपयोग हो रहा है। इसी के अंतर्गत दूसरे सत्र में लखनऊ विश्वविधालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की सहायक आचार्य डॉ. सुरभि यादव ने अपने व्याख्यान में कहा कि नब्बे के दशक में मीडिया में न्यू टेक्नोलॉजी का आरम्भ हुआ तभी से परंपरागत जनसंचार, न्यू मीडिया में बदल गया। आगे उन्होंने बताया कि अब ये हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम सोशल मीडिया पर कॉन्टेंट अपलोड और प्रमोट सावधानी से करे, अगर ऐसा नहीं करेगे तो सन्देश दुष्प्रचार में बदल जाएगा।
दोनों सत्र ऑनलाइन मोड के द्वारा आयोजित हुए। इस कार्यक्रम की कोऑर्डिनेटर डॉ रुचिता सुजॉय चौधरी, विषय प्रभारी पत्रकारिता एवं जनसंचार रही। साथ इस कार्यक्रम में डॉ. काज़िम रिज़वी सहायक आचार्य, डॉ. शाचिद्र शेखर सहायक आचार्य एवं डॉ. नसीब खान सहायक आचार्य आदि प्रमुखता से उपस्थित रहे।