केरल सरकार की तरफ से बकरीद पर छूट दिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार को कड़ी फटकार लगाई. जस्टिस आरएफ नारिमन ने केरल सरकार से कहा कि टेक्सटाइल और फुटवियर जरूरी सामान के दायरे में नहीं आता, जिसे आपकी ओर से मंजूरी दी गई जबकि पॉजिटिविटी रेट बहुत ज्यादा है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये डरावना है कि ऐसे हालात होने के बावजूद प्रतिबंधों में इस तरह छूट दी गई. हालांकि, ये तमाम टिप्पणियां करते हुए कोर्ट ने बाद में ये भी कहा कि अब हम केरल सरकार की अधिसूचना रद्द भी नहीं कर सकते, घोड़ा अस्तबल से निकल चुका है.
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि अगर कोई भी सरकार की इस नीति के चलते कोरोना से संक्रमित होता है और इसकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दी जाती है तो कोर्ट इस मामले में उचित कार्रवाई करेगी। कोर्ट ने कहा कि जहां पर डी श्रेणी का संक्रमण है यानि जहां पर 15 फीसदी से अधिक संक्रमण दर है वहां एक दिन की छूट दी गई, यह काफी चौंकाने वाली और चिंता की बात है।
गौरतलब है कि केरल में बकरीद के मौके पर कोरोना गाइडलाइंस में थोड़ी रियायत दी गई है. ये छूट 18 से 20 जुलाई के बीच दी गई है, जिसमें बाजारों से जुड़े नियमों में ढील भी शामिल है. एक तरफ जहां कोरोना के खतरे के मद्देनजर कई राज्यों में कांवड़ यात्रा भी रद्द कर दी गई है वहीं, केरल सरकार के इस फैसले के बाद सवाल उठने लगे. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया.