अमेरिका और चीन के बीच हाल ही में व्यापारिक समझौते के पहले चरण पर हस्ताक्षर होने से दुनियाभर की आर्थिक वृद्धि को अवरुद्ध करने वाली अस्थिरता कम होगी। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक (एमडी) क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने यह बयान दिया है। वाशिंगटन के एक थिंकटैंक पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स की मेजबानी में शुक्रवार को हुए एक कार्यक्रम में जॉर्जीवा ने कहा, “यह स्वागत योग्य कदम है कि पहले चरण का समझौता हो चुका है, ये संकेत कुछ अस्थिरता कम करेंगे।”
एक रिपोर्ट के अनुसार, आईएमएफ प्रमुख ने कहा कि उनका संगठन और अधिक निश्चितता लाने के लिए कुछ योजनाएं बना रहा है, जो स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व इकोनॉमिक फोरम में सोमवार को जारी हो रहे विश्व इकोनॉमिक आउटलुक के अंग के तौर पर सार्वजनिक की जाएंगी। उन्होंने कहा कि बहुपक्षीय ऋणदाताओं को उम्मीद है कि इस व्यापारिक समझौते से चीन के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि में सहयोग मिलेगा।
उन्होंने कहा, “इससे चीन 2020 में छह प्रतिशत वृद्धि के मापदंडों में पहुंच जाएगा।” जॉर्जीवा ने अक्टूबर में चेतावनी देते हुए कहा था कि व्यापारिक तनावों से वैश्विक वृद्धि पर ऐसे समय में बुरा असर पड़ रहा है जब वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी से गुजर रही है।