अयोध्या के रूदौली में स्थित मां कामाख्या मंदिर में श्रध्दालुओं की मांगी मुरादें पूरी होती है, ऐसी मान्यता है। शारदीय नवरात्रि के मौके पर इन दिनों वहां पर देवी मां की आराधना पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ की जा रही है। नवरात्र के इस महा उत्सव पर जहां विभिन्न शहरों में स्थित देवी मंदिरों में सुबह-शाम भक्तों की कतार लग रही है।
वहीं आधुनिक चलन में दुर्गा पूजा के भव्य आयोजन होने पूजा और आराधना श्रद्धा के इस महापर्व को और गहरा कर दिया है। अयोध्या जिले में स्थित प्राचीन और प्रसिद्ध देवी मां के मंदिरों में से एक मंदिर है रुदौली क्षेत्र में स्थित मां कामाख्या भवानी देवी का मंदिर स्थित है।
जिला मुख्यालय से करीब 52 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर पर शारदीय नवरात्र के मौके पर लाखों की संख्या में भक्त श्रद्धालु देवी मां के दर्शन और पूजन के लिए पहुंच रहे हैं। अयोध्या बाराबंकी की सीमा पर स्थित रुदौली तहसील के सैदपुर स्थापित देवी मां के इस प्राचीन मंदिर के बारे में पूरे क्षेत्र में तमाम कथाएं प्रचलित हैं।
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देवी मां के चमत्कारों की कहानियां आज भी इस क्षेत्र के लोगों की जुबा पर है। ऐसा माना जाता है कि इस प्राचीन मंदिर में देवी मां के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित करने के लिए आते हैं। वही श्रद्धालुओं का मानना है कि इस मंदिर में मांगी हुई हर मुराद पूरी होती है। वर्ष के दो नवरात्रों में वासंतिक नवरात्र और शारदीय नवरात्र में 9 दिनों तक इस प्राचीन मंदिर में विशाल मेले का आयोजन होता है।
जिसमें अयोध्या जनपद ही नहीं पड़ोस के अमेठी, बाराबंकी सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, गोंडा बस्ती, बलरामपुर और प्रदेश की राजधानी लखनऊ से भी भक्त श्रद्धालु देवी मां के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं और सदियों से यह प्राचीन मंदिर लाखों मां भक्तों की आस्था का केंद्र है। माता कामाख्या से भक्तों की मांगी गई मुराद पूरी होती है।
रिपोर्ट-जय प्रकाश सिंह