अयोध्या,(जय प्रकाश सिंह)। राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास (Acharya Satyendra Das) के निधन के बाद राम मंदिर ट्रस्ट (Ram Mandir Trust) ने बड़ा फैसला लिया है। महासचिव चंपत राय (Champat Rai) के अनुसार कि अब राम मंदिर में कोई मुख्य पुजारी नहीं होगा।
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सत्येंद्र दास की उम्र और उनके सम्मान इतना कोई शख्स नहीं है। वह लंबे समय तक हनुमानगढ़ी के महंत रहे। बता दें कि 12 फरवरी को 80 साल की उम्र में सत्येंद्र दास का निधन हो गया था। तब से लगातार मुख्य पुजारी की नियुक्ति को लेकर सवाल उठ रहे थे।
राम मंदिर के नए मुख्य पुजारी की नियुक्ति को लेकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय के अनुसार आचार्य सत्येंद्र दास से 6 हमीने पहले ही पूछ लिया गया था। जिसके बाद यह फैसला लिया गया है कि कोई भी राम मंदिर का मुख्य पुजारी नहीं होगा। उनकी आयु का कोई नहीं है, उनके सम्मान जैसा का कोई नहीं है और न ही कोई इतने लंबे समय तक हनुमानगढ़ी का महंत रहा है।
आचार्य सत्येंद्र दास 1993 से ही भगवान राम की सेवा कर रहे थे। जिसे लेकर उन्हें सिर्फ 100 रुपये प्रति महीने मिलता था। आज जितना लोग हैं सभी आयु एक जैसी है सभी जवान हैं। उन जैसा विद्वान कोई नहीं है। इसलिए अब मुख्य पुजारी अतिशोक्ति हो जाएगी।
1945 में यूपी के संतकबीर नगर में जन्मे सत्येंद्र दास राम मंदिर आंदोलन से प्रभावित होकर 1958 में ही अपना घर छोड़ दिया था। 1992 बाबरी विध्वंस के दिन वह रामलला को गोद में लेकर भाग निकले थे। वह लगातार करीब 34 सालों तक रामजन्मभूमि में मुख्य पुजारी बनकर सेवा देते रहे।
12 फरवरी 2025 को उन्होंने 80 साल की उम्र में लखनऊ के एसपीजीआई अस्पताल में अंतिम सांस ली। 13 फरवरी को आचार्य सतेंद्र दास को सरयू नदी में जल समाधि दी गई।