उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने ग्राम्य विकास विभाग व खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि विशेष रूप से फोकस करके आबंटित बजट का समय से सदुपयोग किया जाना हर हाल में सुनिश्चित किया जाए। कहा कि इसके लिए सभी सम्बन्धित अधिकारियों की जिम्मेदारी फिक्स की जाए। केशव प्रसाद मौर्य सोमवार को अपने कैम्प कार्यालय 7 कालिदास मार्ग पर आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में ग्राम्य विकास विभाग व फूड प्रोसेसिंग डिपार्टमेंट के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
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उप मुख्यमंत्री ने विभागवार, सेक्टरवार आवंटित धनराशि व उसके सापेक्ष व्यय धनराशि की विस्तार। से जानकारी हासिल करते हुए निर्देश दिए समस्त बजट समय से व्यय हो जाना चाहिए इस कार्य में किसी भी स्तर पर लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। उन्होने राष्ट्रीय एकीकरण विभाग के बजट व्यय की भी समीक्षा की।
उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि नयी खाद्य प्रसंस्करण नीति का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार किया जाय और इस नीति के तहत उद्यमियों को प्राविधानित सुविधाओं के बारे में जन जन को जानकारी दी जाय ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सकें, इससे जहां उद्यमियों को फायदा होगा वहीं किसानों को भी बहुत फायदा होगा। किसानों के उत्पादों के अधिक से अधिक प्रोसेसिंग होने से उन्हें उनके उत्पादों का उचित मूल्य हासिल होगा, फूड प्रोसेसिंग कार्यों से स्वयं सहायता समूहों महिलाओं को अधिक से अधिक जोड़ने की आवश्यकता पर उप मुख्यमंत्री ने बल दिया।
कहा कि कामन इनक्यूबेशन सेंटर समूहों की दीदियों को हस्तांतरित करना है, वहां सभी आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के साथ ही विद्युत कनेक्शन दिलाने की नियमानुसार कार्यवाही अतिशीघ्र सुनिश्चित की जा, कहा कि नवरात्रि में कम से कम 9 इनक्यूबेशन सेन्टर चालू करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।
उन्होंने कहा कि समूहों की दीदियों को फूड प्रोसेसिंग के कार्यों के सम्बन्ध में दक्ष बनाया जाय। कहा कि टी एच आर प्लान्टों में पोषाहार के अलावा अन्य उपयोगी चीजों के तैयार करने का प्लान बनाया जाय। कहा कि इन्क्यूबेशन सेन्टरों में क्या क्रियाकलाप होने है, कैसे होने हैं,व इनसे क्या फायदा स्थानीय लोगों को होगा, इसका व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार किया जाय। कहा फूड प्रोसेसिंग डिपार्टमेंट में दक्ष व कुशल मैन पावर बढ़ाने के लिए सभी जरूरी उपाय किये जाएं।
उप मुख्यमंत्री ने ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि अमृत सरोवर पानी से लबालब भरे नजर आने चाहिए। अमृत सरोवरों का उपयोग जनहित में होना ही चाहिए। अमृत सरोवरों को बनाये जाने के उद्देश्यो की पूर्ति हर हाल में होनी चाहिए। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के तहत नये लाभार्थियों के सर्वे की प्रक्रिया चल रही है, इसमें तेजी लायी जाय। प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के सर्वे के कार्य को 31 मार्च तक हर हाल में पूरा किया जाए।
उन्होने निर्देश दिए कि महिला सामर्थ्य योजना के तहत मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनियों की संख्या बढ़ाने का सार्थक प्रयास किया जाय। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत एफडीआर तकनीक के तहत बनाई जा रही सड़को के बारे में सम्बन्धित चुनिंदा कान्ट्रैक्टरो की बैठक करायी जाय। उप मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए बजट के बारे में जानकारी हासिल की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
बैठक में प्रमुख सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग बीएल मीणा, सचिव/आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग जीएस प्रियदर्शी, मिशन निदेशक राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन दीपा रंजन, यूपी आरआरडीए के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अखण्ड प्रताप सिंह, निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग विजय बहादुर द्विवेदी, उप निदेशक खाद्य प्रसंस्करण एसके चौहान, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के निदेशक ईशम सिंह, एसआईआर डीके प्रo अपर निदेशक बीडी चौधरी सहित राष्ट्रीय एकीकरण विभाग व सार्वजनिक उद्यम विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।