कोरोना के इलाज में उपयोग हो रही एक दवा ऐवरमैक्टिन के दामों में भारी वृद्धि हुई है। हालांकि, देश में इस दवा को कोरोना के इलाज के लिए अनुमोदित नहीं किया गया है, किन्तु फिर भी धड़ल्ले से इसका इस्तेमाल हो रहा है।
परिणाम यह है कि भारी मांग के चलते इसके दाम आसमान छूने लगे हैं। कई महीनों के बाद राष्ट्रीय औषधि मूल्य नियंत्रण प्राधिकरण (NPPA) इस मुद्दे पर अलर्ट हुआ है। उसने कंपनियों को दवा की कीमतों में इजाफे को लेकर नोटिस दिए हैं।
बता दें कि ऐवरमैक्टिन दवा मूलत: पेट के कीड़े मारने का काम करती है। कई देशों में कोरोना के इलाज में इसका उपयोग हो रहा है। इस प्रकार की रिपोर्ट प्रकाशित हुई हैं कि इससे मरीज़ों को लाभ हो रहा है। इसके बाद देश में भी अस्पतालों में इसका उपयोग होने लगा।
लेकिन, कोरोना के इलाज के लिए 13 जून को केंद्र सरकार ने जो क्लिनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल जारी किया है, उसमें इस दवा को शामिल नहीं किया गया है। किन्तु इसका इस्तेमाल जमकर हो रहा है।
एक केमिस्ट ने बताया कि लोग बचाव के लिए भी यह दवा ले रहे हैं। इसलिए बिक्री बढ़ी है और बीते छह महीनों के दौरान इसकी कीमतों में भारी इजाफा हुआ है। इस दवा की एक गोली की कीमत 20 रुपये से कम होती थी, किन्तु आज वह 35-40 रुपये प्रति गोली बिक रही है।
आमतौर पर देश में दवाओं की कीमतें इस तेजी से नहीं बढ़ते हैं, लेकिन दवा की मांग अधिक होने के चलते कंपनियों ने इसके दामों में भारी इजाफा किया है।