• दोषारोपण न करके आत्म सुधार पर दें बल: प्रो. मंजुला जैन
• टीएमयू स्टुडेंट्स स्मार्ट गोल को करें आत्मसात: महती चन्द्रशेखर
• संवाद में एबीसी की भूमिका अति महत्वपूर्ण: स्वर्निल कौर
मुरादाबाद। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी (टीएमयू) की ओर से आयोजित लीडरशिप टॉक सीरीज में थ्राइविंग अंडर प्रेशर: स्ट्रेटेजीज़ फॉर सक्सेस पर अमहा ऑर्गेनाइजेशन, दिल्ली की सीनियर कंसलटेंट साइकोलॉजिस्ट मिस महती चन्द्रशेखर बोलीं, उच्च शिक्षा के दौरान किसी भी स्टुडेट्स को इंटरनल और एक्सटर्नल दो तरह के एकेडमिक प्रेशर को फेस करना पड़ता है।
नवयुग में आयोजित हुआ स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम
एकेडमिक प्रदर्शन मन मुताबिक नहीं होने पर स्टुडेंट्स अंडर प्रेशर फील करता है इसका एक बड़ा कारण आज के प्रतिस्पर्धी माहौल में खुद को दूसरों से कंपेयर करना है। बाहरी दबाव में माता-पिता का प्रेशर, प्रतियोगी वातावरण, माहौल का बदलाव आदि शामिल हैं। यही वजह हैं, स्टुडेंट्स कभी-कभी डिप्रेशन में चले जाते हैं। इन सबसे बचने के लिए हमें सबसे पहले खुद का मूल्यांकन करना होगा। छात्रों को टाइम मैनेजमेंट करना होगा। अपनी क्षमताओं का आकलन और टॉस्क पर पैनी नजर उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
प्राथमिकताओं के संग उद्देश्य का निर्धारण करना होगा। सीनियर कंसलटेंट साइकोलॉजिस्ट मिस महती ने स्टुडेंट्स से स्मार्ट गोल को आत्मसात करने की सलाह देते हुए स्मार्ट को विस्तार से परिभाषित किया। स्टुडेंट्स कभी भी अपने आप को अपराधी न समझें और दोस्तों, माता-पिता या किसी एक्सपर्ट से मदद लें।
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इससे पूर्व टीईडीएक्स एवम् जोश टॉक स्पीकर मिस स्वर्निल कौर, सीनियर कंसलटेंट साइकोलॉजिस्ट मिस महती चन्द्रशेखर, डीन एकेडमिक्स प्रो मंजुला जैन आदि ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके लीडरशिप टॉक सीरीज के 6वें सेशन का शुभारम्भ किया। उल्लेखनीय है, लीडरशिप टॉक सीरीज में डेंटल कॉलेज, पैरामेडिकल कॉलेज और फिजियोथैरेपी के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। दोनों वक्ताओं का बुके देकर स्वागत किया गया।
द कंप्लीट हयूमनिस्ट पर देहरादून की टीईडीएक्स एवं जोश टॉक स्पीकर मिस स्वर्निल कौर बोलीं, जीवन में सक्सेस के लिए हमें खुद को जानना होगा। स्टुडेंट्स को दूसरों को ध्यान से सुनना, उनकी भावनाओं को समझना जरूरी है। दूसरों की भावनाओं को समझने में पर्यावरण, शिक्षा, अनुभव और राइट एक्शन अति महत्वपूर्ण हैं। ये चार चीजें ही हमें लोगों से कनेक्ट करने में मदद करती है।
टीईडीएक्स एवम् जोश टॉक स्पीकर मिस कौर ने बताया, एबीसी- एपीयरेंस, बिहेवियर, कैरेक्टर और कम्युनिकेशन के जरिए बेहतर संवाद स्थापित किया जा सकता है। जीवन को सामान्य तरीके से जिएं। लोगों की आलोचनाओं पर ध्यान न देकर अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कार्यरत रहना चाहिए। हमें अपने सपनों को विजुएलाइज करना सीखना होगा, ताकि हम उसे पूरा कर सकें। श्रीमती कौर ने स्वाट एनालिसिस के बारे में स्टुडेंट्स को बताया।
उन्होंने जर्नलिंग, मेडिटेशन, कोचिंग एंड फीडबैक को सेल्फ रिफलेक्शन के लिए जरूरी बताया। डीन एकेडमिक्स प्रो मंजुला जैन ने कहा, लीडरशिप टॉक सीरीज का मकसद विशेषज्ञों के अनुभवों को छात्रों के बीच साझा कराना है। सर्वांगीण विकास की बात करते हुए बोलीं, कोई भी इंसान जन्म से, शब्दों से या कार्यों से सम्पूर्ण नहीं, वरन आपके बारे में दूसरे लोगों की धारणा भी महत्वपूर्ण है। यदि हममें सुधार की कोई गुंजाइश है, तो इसके लिए हमें सतत प्रयास करना होगा। परिवेश को पॉजिटिव करने के लिए हमें दूसरों पर दोषारोपण न करके आत्म सुधार पर बल देना चाहिए।
टॉक सीरीज के दौरान सवाल-जबाव का दौर भी चला। अंत में स्मृति चिन्ह और सर्टिफिकेट्स दिए गए। संचालन असिस्टेंट डायरेक्टर एकेडमिक्स डॉ नेहा आनन्द ने किया। कार्यक्रम में कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर के डीन प्रो प्रवीन जैन, डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ वरूण कुमार सिंह, फैकल्टीज़ दीपक कटियार, मिस रश्मि पांडेय, मिस ममता वर्मा, प्रो गणेश भट्ट, दीपक मलिक आदि की भी उल्लेखनीय मौजूदगी रही।