अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव पर दुनियाभर की नजरें टिकी हैं। चार साल पहले हुए चुनाव के नतीजों का एलान सुर्खियों में रहा था। परिणाम की घोषणा के बाद कैपिटोल हिंसा की घटना भी अमेरिकी लोकतंत्र पर बड़ा सवालिया निशान मानी गई। अब एक बार फिर डेमोक्रेट और रिपब्लिकन खेमे के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है। पेन्सिलवेनिया में मतदाताओं के मूड पर विशेष नजर है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां के मतदाताओं किसी एक खेमे की तरफ झुकते नहीं, विभाजित दिख रहे हैं। खबरों के मुताबिक राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम में पेन्सिलवेनिया के मतदाताओं की भूमिका निर्णायक हो सकती है।
पेन्सिलवेनिया में सबसे अधिक- 19 इलेक्टोरल वोट
दरअसल, अमेरिका के जिन राज्यों में सबसे अधिक राजनीतिक उतार-चढ़ाव होते हैं, इसमें पेन्सिलवेनिया को लेकर सबकी विशेष दिलचस्पी होती है। ट्रंप और कमला हैरिस का प्रचार तंत्र यहां पूरी ताकत झोंक रहा है क्योंकि यहां के मतदाताओं का हर वोट मायने रखता है। पेन्सिलवेनिया को निर्णायक स्विंग स्टेट के रूप में जाना जाता है क्योंकि यहां सबसे अधिक- 19 इलेक्टोरल वोट हैं। रिपब्लिकन और डेमोक्रेट प्रचारक स्थानीय बेकरी में काम करने वाली शेली ओ’रोर्क जैसे आम मतदाताओं पर भी ध्यान दे रहे हैं। शेली बताती हैं कि अमेरिका में महंगाई ने परिवारों को तोड़ दिया है, कीमतें बढ़ गई हैं और गुजारा करना पहले से कहीं अधिक मुश्किल हो गया है। शेली के मुताबिक महंगाई के निजात पाने के लिए लोगों को ट्रंप को चुनना होगा जो मूल कारणों को समझते हैं और इस मुद्दे का स्थायी समाधान कर सकते हैं।
ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिकी सीमा अधिक सुरक्षित; कमला हैरिस के दौर में केवल गिरावट…
डेमोक्रेट खेमे की प्रत्याशी कमला हैरिस के बारे में शेली ने कहा, ‘एक मतदाता के रूप में, कमला हैरिस जो कुछ भी करती हैं, वह मुझे पसंद नहीं आता। वे साढ़े तीन साल से इस प्रशासन का हिस्सा हैं, लेकिन सच कहूं तो मैंने देश में गिरावट, हमारी सुरक्षा में कमी के अलावा कुछ नहीं देखा। आमदनी पहले जितनी नहीं रह गई है।’ शेली के मुताबिक उन्हें इस बात से कोई सरोकार नहीं है कि अमेरिका वैश्विक मंच पर कैसा दिखता है। उन्होंने कहा कि जब डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति थे तो उनके पास खर्च करने लायक आमदनी थी। उनके कार्यकाल में अमेरिकी सीमा अधिक सुरक्षित थी। इस देश को उनकी बहुत जरूरत है। समाचार में हवाई का अग्निकांड, कैरोलिना और टेनेसी में हुई घटनाओं का जिक्र नहीं हो रहा है। पैसा अवैध अप्रवासियों के पास जा रहा है।