लखनऊ। उत्तर प्रदेश की नदियां के लगातार उफान पर रहने से पूर्वी उत्तर प्रदेश में हजारों गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। राहत और बचाव वाराणसी, बलिया, गाजीपुर के साथ प्रयागराज में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जल पुलिस की टीमें लगाई गई हैैं। पूर्वांचल में बाढ़ की स्थिति में कोई सुधार नहीं है। गाजीपुर में गंगा नदी खतरे निशान के करीब एक मीटर ऊपर बह रही है। जिससे करीब दो सौ गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं। बुधवार के बाद गुरुवार सुबह भी गंगा व सहायक नदियों में बढ़ाव जारी है। प्रयागराज व वाराणसी में गंगा नदी खतरे का निशान पार बह रही है। प्रयागराज में यमुना उफान पर है। इसके अलावा वरुणा, राप्ती, शारदा और घाघरा नदियों का पानी हजारों बस्तियों को चपेट में ले चुका है।
गंगा प्रति घंटा आधा सेमी की रफ्तार से
बलिया में 135 गांवों के लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। गंगा प्रति घंटा आधा सेमी की रफ्तार से बढ़ रही है। बुधवार को गंगा जलस्तर 59.38 मीटर दर्ज किया गया। मीरजापुर में गंगा जलस्तर गुरुवार को खतरे का निशान पार हो सकता है। बढ़ाव दो सेंमी प्रति घंटा है जबकि 508 गांव प्रभावित हैं। गाजीपुर में बाढ़ से करीब 60 से अधिक गांव प्रभावित हैं। गंगा जलस्तर खतरे के निशान 63.105 से ऊपर 64.070 पर है। चंदौली में गंगा खतरे के निशान को पार कर गई है। कर्मनाशा, चन्द्रप्रभा और गड़ई भी उफान पर हैं।
भदोही में गंगा की बाढ़ से करीब 29 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। आजमगढ़ में घाघरा और जौनपुर में गोमती का पानी गांवों में घुस चुका है। राजस्थान और मध्य प्रदेश से छोड़े गए पानी से प्रयागराज में उफनाई यमुना बुधवार खतरे का निशान पार कर गईं। गंगा पहले ही निशान से ऊपर हैं। शहर और देहात के तीन लाख लोग प्रभावित हैैं। इन सभी जगह 40 हजार एकड़़ फसलें जलमग्न हैैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व जल पुलिस की टीमें लगाई गई हैैं। सीतापुर में कई जगह शारदा कटाव जारी है। रेउसा क्षेत्र में घाघरा का पानी गांवों को घेर चुका है। फसलें जलमग्न हैं। बाराबंकी में घाघरा जलस्तर बढने से तटवर्ती गांवों को अलर्ट किया गया है। बलरामपुर में राप्ती की धारा बढ़ रही है।