लखनऊ। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक विश्वविद्यालय को नैक मूल्यांकन अवश्य कराना चाहिए। नैक ग्रेडिंग होने से विश्वविद्यालय में शैक्षणिक एवं व्यवस्थागत सुधार होता है और इसका लाभ विद्यार्थियों को प्राप्त होता है। कराना चाहिए। नैक ग्रेडिंग होने से विश्वविद्यालय में शैक्षणिक एवं व्यवस्थागत सुधार होता है और इसका लाभ विद्यार्थियों को प्राप्त होता है।
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आनंदीबेन पटेल ने बतौर कुलाधिपति प्रदेश के विश्वविद्यालयों, उच्च शिक्षण संस्थानों में गुणवत्ता सुधार के अपने मैराथन प्रयासों में प्रत्येक विश्वविद्यालय को आवश्यक रूप से नैक ग्रेडिंग कराने के लिए प्रोत्साहित किया। उनके अथक प्रयासों, गहन समीक्षाओं, व्यापक दिशा-निर्देशों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के चलते आज प्रदेश के 04 विश्वविद्यालय नैक का उच्चतम ग्रेड ए ++ भी प्राप्त कर चुके हैं।
विश्वविद्यालयों ने ए + और ए ग्रेड भी प्राप्त किया है। अनेक विश्वविद्यालय स्वयं को श्रेष्ठतम सिद्ध करने की सभी तैयारियों के साथ नैक के लिए अपनी सेल्फ स्टडी रिपोर्ट दाखिल कर चुके हैं। राज्यपाल जी द्वारा लगातार शेष विश्वविद्यालयों को भी दिशा-निर्देश प्रदान करने हेतु समीक्षा बैठकों का क्रम जारी है। उनके प्रयासों के सुखद परिणाम आज उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता सुधार के साथ परिलक्षित हैं।
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आनंदीबेन पटेल ने ग्रेटर नोएडा स्थित गलगोटिया विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय ‘‘परिवर्तन को अपनाना: प्रौद्योगिकी और प्रबन्धन में नवाचार‘‘ विषयक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित किया।
उन्होंने तकनीकी परिवर्तन, नवाचारों से आम आदमी को हुए लाभों राज्य एवं केन्द्र सरकार की विविध योजनाओं को लाभार्थियों तक तकनीक के माध्यम से हुई आसान पहुँच, बैंक, परिवहन, सूचना उद्योग, स्वास्थय सेवाओं जैसे विविध क्षेत्रों में हुई क्रान्तिकारी प्रगति का उल्लेख किया. राज्यपाल ने गलगोटिया विश्वविद्यालय नैक में ए + ग्रेड होने तथा एनबीए एवं एन आईआरएफ मूल्यांकनों में भी अच्छा स्थान प्राप्त होने पर बधाई दी।
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राज्यपाल कहा कि विश्वविद्यालयों द्वारा पहली बार नैक की उच्चतम श्रेणी ए ++ प्राप्त करना, पहली बार प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा भी नैक के लिए प्रयास करना और सीएसए कानपुर को देश के 74 कृषि विश्वविद्यालयों में पहली बार नैक एक्रीडेटेड होना ऐतिहासिक उपलब्धि है.