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यूपी: 11 लाख परिवारों को मिली डिजिटली “घरौनी”, 100% घरौनी के साथ जालौन बना पहला जनपद

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 11 लाख परिवारों को डिजिटली और 10 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) सौंपी । इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि अगस्त 22 तक प्रदेश के सभी एक लाख दस हजार से अधिक राजस्व गांवों का सर्वे पूरा कर लिया जाएगा और अक्टूबर 2023 तक हर ग्रामीण परिवार को घरौनी उपलब्ध करा दिया जाएगा।

यूपी : 11 लाख परिवारों को मिली डिजिटली “घरौनी”, 100% घरौनी के साथ जालौन बना पहला जनपद

जालौन प्रदेश का पहला जनपद बना, यहां 100% लोगों की घरौनी तैयार

मुख्यमंत्री योगी शनिवार को लोक भवन सभागार में आयोजित समारोह में स्वामित्व योजना के तहत डिजिटली और भौतिक रूप घरौनी प्रमाण पत्र सौंपने के बाद संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हम सब प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं जिनके प्रयास से यह कार्यक्रम शुरू हुआ। यह महज एक कार्यक्रम नहीं तकनीक है जो ग्रामीणों को उनकी पुश्तैनी आवासीय जमीन का मालिकाना हक देने वाला अभियान भी है। आज उत्तर प्रदेश के 34 लाख परिवारों को घरौनी प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। घर का मालिकाना हक मिलने के बाद अब यह लोग कोई व्यवसाय करने के लिए बैंक से लोन भी ले सकते हैं।

11 लाख परिवारों को घरौनी प्रमाण पत्र वितरण

11 लाख परिवारों को घरौनी प्रमाण पत्र वितरण के लिए आज हर तहसील मुख्यालय पर आयोजन किया जा रहा है। ऐसे लोग वर्षों से अपनी जमीन पर रह रहे थे, लेकिन छोटी छोटी बातों पर अक्सर विवाद होता था। घर गिरने पर अपना मकान बनाने से कहीं दबंग तो कहीं माफिया रोकता था । कहीं लेखपाल रोकता था, वसूली होती थी। आबादी की जमीन से दबंग गरीब को उजाड़ देते थे।

तकनीकी से तैयार घरौनी प्रमाण पत्र के बाद इस पर विराम लग गया है। तकनीकी से आवासीय भूमि की पैमाइश होती है। ड्रोन से सर्वे होता है। गाँव की खुली बैठक में सहमति और असहमति के कमेंट लिये जाते हैं। सबका समाधान होने के बाद घरौनी तैयार की जाती है। अब तक 34 लाख लोगों को इसका लाभ मिल चुका है। आज जालौन प्रदेश का पहला जिला बन गया है जहाँ के सौ फीसद ग्रामीणों को घरौनी मिल चुका होगा।

प्रमाण पत्र के अभाव में एक-दो फीट जमीन और नाली पर होते थे विवाद – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि आवासीय प्रमाण पत्र के अभाव में एक फीट, दो फीट जमीन अथवा नाली को लेकर विवाद होते थे। कहीं आबादी की जमीन पर पशु बांधने पर विवाद शुरू हो जाता था। न्यायालय में न्याय के लिए पीढ़ी दर पीढ़ी बीत जाती थी। इस पर पैसा और समय दोनों बर्बाद होता था। डबल इंजन की सरकार ने इन सभी समस्याओं से मुक्त कर दिया है। देश में 2.5 करोड़ लोगों को घरौनी का वितरण हो चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आधुनिक तकनीकी से घरौनी का एक बड़ा कार्यक्रम शुरू किया है। इससे संपत्ति का विवाद खत्म होगा और व्यकि को मालिकाना हक मिलने से लोन आदि की सुविधा मिलेगी। आबादी का प्रारंभिक डाटा तैयार होने से योजनाओं का बेहतरीन क्रियान्वयन हो सकेगा। साथ ही गांव की वित्तीय सुदृढ़ता भी मजबूत होगी और गांव विकास के पथ पर अग्रसर होगा।

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