लखनऊ। अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 59 प्रमुख लोगों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की है। अयोध्या पर फैसले के बाद कई धर्मगुरुओं और पक्षकारों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। शनिवार को अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन का मालिकाना हक रामलला विराजमान को देने के साथ मुस्लिम पक्ष को मस्जिद के लिए अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया था।
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन की सुरक्षा बढ़ाई गई यूपी सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद धर्मगुरुओं और पक्षकारों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की गई। खुफिया इनपुट के आधार पर कुछ लोगों की सुरक्षा बढ़ाई गई है। यूपी सेंट्रल शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारूकी को अब वाई प्लस सिक्योरिटी मिलेगी। इसके पहले तक इनको वाई कैटेगरी सिक्योरिटी मिलती थी।
जबकि कैबिनेट मिनिस्टर सुरेश राणा और नंद गोपाल नंदी को जेड प्लस कैटेगरी की सिक्योरिटी दी जाएगी। विवादित बयानों के कारण चर्चा में रहने वाले बीजेपी विधायक संगीत सोम को भी जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा दी जाएगी। इसके पहले तक उनको वाई प्लस कैटेगरी की सिक्योरिटी दी जाती थी।
पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय और नरेश अग्रवाल को वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा मिलेगी। जबकि अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी और रामजन्मभूमि न्यास के महंत रामविलास वेदांती की सुरक्षा बरकरार रखी गई है। अयोध्या मामले में मध्यस्थता पैनल के तीन सदस्यों श्री श्री रविशंकर, रिटायर जज एफएम कफीउल्लाह और श्रीराम पंचू को दी गई वाई कैटेगरी सुरक्षा वापस ले ली गई है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि ऑर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट को खारिज नहीं किया जा सकता है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मस्जिद को खाली जमीन पर नहीं बनाया गया था, खुदाई में जो ढांचा पाया गया वह गैर-इस्लामिक था।