उत्तर प्रदेश एटीएस के एडिशनल एसपी Rajesh Sahni ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। एडीजी कानून-व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि जानकारी के बाद तत्काल पुलिस टीम एटीएस मुख्यालय स्थित साहनी के कमरे में पहुंची तो वे जमीन पर पड़े मिले। पुलिस के अनुसार उनके सिर में गोली मारी गई थी। यह घटना दोपहर में लगभग 1 बजे के हुई। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। हालांकि अभी तक आत्महत्या के कारणों का पता नहीं लग सका है। वहीं मामले की जांच के लिए टीम काम कर रही है। एटीएस में रहते हुए साहनी ने आतंकियों के खिलाफ कई बड़े ऑपरेशन किया था।
Rajesh Sahni आईएसआई एजेंट को पकड़ने में थे शामिल
उत्तर प्रदेश पुलिस में राजेश साहनी काबिल अफसरों में सुमार हैं। वह 23 मई में आईएसआई एजेंट को उत्तराखंड से गिरफ्तार करने वाले ऑपरेशन में शामिल थे। इसके साथ एटीएस में रहते हुए साहनी ने कई बड़े ऑपरेशनों को अंजाम दिया था। राजेश साहनी 1992 में पीपीएस सेवा में शामिल हुए थे। 2013 में वह एडिशनल एसपी के पद पर प्रमोट हुए थे। वे 2014 से एटीएस के साथ काम कर रहे थे। वह एटीएस मुख्यालय में तैनात थे।
ड्राइवर से मंगाई थी एएसपी साहनी ने पिस्तौल
सूत्रों के अनुसार पुलिस ने बताया कि साहनी लगभग 11.30 बजे दफ्तर आए थे। उन्होंने ड्राइवर से पिस्तौल मंगाई और गोली में मार ली। उन्होंने जान देने का फैसला क्यों लिया, इसे लेकर अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है।
साहनी के कुछ मुख्य चर्चित केस
एटीएस के एडिशनल एसपी राजेश साहनी ने 23 मई, 2018 में उत्तराखंड मिलिट्री इंटेलिजेंस और उत्तराखंड पुलिस के साथ मिलकर आईएसआई एजेंट रमेश सिंह को गिरफ्तार किया था। साहनी लंबे समय से आतंकी संगठनों के स्लीपर मॉड्यूल के खिलाफ काम कर रहे थे। मार्च 2016 में लखनऊ में मारे गए आतंकी के ऑपरेशन को उन्होंने लीड किया था।