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यूपी विधानमंडल बजट सत्र: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दिया अभिभाषण, विपक्षी दलों ने की जमकर नारेबाजी

विधानमंडल के बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण के दौरान विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा व नारेबाजी की। जैसे ही राज्यपाल ने अभिभाषण शुरू किया सपा, रालोद व कांग्रेस के सदस्य अपनी सीटों से उठकर नारेबाजी करने लगे।

सपा सदस्य वेल में उतर आए और राज्यपाल के पूरे एक घंटे एक मिनट के अभिभाषण के दौरान लगातार जबरदस्त नारेबाजी और हो हल्ला करते रहे। नौबत यह रही कि अभिभाषण स्पष्ट रूप से सुना तक नहीं जा सका। इसे पूरे घटनाक्रम के दौरान समाजवादी पार्टी के साथ रह कर चुनाव लड़ने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर व उनके सदस्य अपनी सीट पर बैठे रहे, जबकि बसपा और कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के सदस्यों के साथ मिलकर नारेबाजी की।

इस दौरान सदन में मौजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना समेत सभी सत्ता पक्ष के सदस्य मेज थपथपा कर राज्यपाल के अभिभाषण की सराहना करते रहे। राज्यपाल ने हंगामे के बीच अपने अभिभाषण में राज्य सरकार द्वारा बीते एक साल में किए गए कार्यों और उपलब्धियों का विस्तार से ब्योरा पेश किया। उन्होंने 47 पन्नों का अभिभाषण एक घंटे एक मिनट 15 सेकेंड में पूरा किया।

सपा सदस्यों ने वेल में आकर राज्यपाल वापस जाओ वापस जाओ के खूब नारे लगाए। उन्होंने कई बार राज्यपाल के अभिभाषण में व्यवधान पैदा करने के लिए जमकर हो…हो…की आवाज निकाली लेकिन राज्यपाल बिना रुके-डिगे पूरा भाषण पढ़ती रहीं। सपा की महिला सदस्यों ने कई बार एकजुट होकर मंच तक जाने की कोशिश की लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। भाषण पूरा करने के बाद ही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पानी पिया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने अभिभाषण के लिए राज्यपाल का धन्यवाद दिया।

राज्यपाल आऩंदी बेन पटेल विधानसभा में सुबह करीब 10.55 पर पहुंचीं। राष्ट्रगान के बाद कार्यवाही शुरू हुई और राज्यपाल ने सरकार का लेखा-जोखा सदन के समक्ष रखना शुरू किया। इसी दौरान सपा सदस्य हाथ में लाल-काली रंग के बैनर निकाल कर नारेबाजी करने लगे। कुछ ही देर में विपक्षी सदस्य वेल में उतर आए और जोरदार नारे लगाने लगे। उनके हाथों में नारे लिखे बैनर थे.

जिनमें कानून-व्यवस्था, महंगाई, कानपुर देहात के मां-बेटी कांड, गन्ना मूल्यों के अलावा जातीय जनगणना न कराए जाने से जुड़े नारे लिखे थे। बैनरों पर लिखा था-यूपी में बुलडोजर का अत्याचार, भाजपा से गरीब जनता लाचार..।इसी तरह जातीय जनगणना कराओ सरकार, सबको सम्मान का अधिकार…साथ ही पिछड़े पावें सौ में साठ, समाजवादियों ने बांधी गांठ…जैसे नारे लिखे थे। सपा सदस्य वेल में आकर ऐसे ही नारे बार-बार लगाते रहे।

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