लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा सोमवार को महाकुंभ तीर्थ क्षेत्र तथा प्रयागराज शहर के सभी 100 वार्डों में उत्कृष्ट स्तर की साफ सफाई, स्वच्छता व व्यवस्थापन के लिए चलाए जा रहे महासफाई अभियान को और गति देने तथा कुंभ तीर्थ क्षेत्र को अलौकिक व अमृतमय बनाने के लिए नागवासुकी मंदिर के कुनकुन श्रीवाला गली से दशाश्वमेघ घाट तक एवं अशोक नगर स्थित दुर्गा पूजा पार्क तक चलाए गए सामूहिक स्वच्छता कार्यक्रम में प्रतिभाग कर तथा स्वयं अपने हाथों से झाड़ू लगाकर और कूड़ा उठाकर सफाई में श्रमदान किया।
उन्होंने नगर के सम्मानित नागरिकों के घर-घर जाकर स्वच्छता का संदेश दिया, जिससे कि कुंभ तीर्थ के दौरान पूरी दुनिया के सामने तीर्थराज प्रयाग को एक आदर्श नगर के रूप में प्रस्तुत किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कुंभ तीर्थ मेला क्षेत्र में आने वाले सभी श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों को सुरक्षित, स्वच्छ और पवित्र माहौल देने के लिए संकल्पित है।
नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने मां गंगा किनारे दशाश्वमेघ घाट में आयोजित स्वच्छता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महाकुंभ 2025 हमारी सांस्कृतिक विरासत, अध्यात्मिकता व परंपरा के साथ आधुनिक एवं विकसित भारत का प्रतीक बनेगा। कुम्भतीर्थ की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। यह आयोजन अद्वितीय एवं दिव्य होगा। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के इस महायज्ञ में सभी को अपनी आहुती देना है।
नगर विकास विभाग महाकुंभ में नोडल विभाग है, जिससे हम सभी की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। सभी कार्य सुचार व व्यवस्थित रूप से चलें और सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रहे, इसके लिए मां गंगा, यमुना, सरस्वती, तीर्थराज प्रयाग व भगवान हनुमान जी से आशीर्वाद मांगता हूं। इस अवसर पर उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को स्वच्छता की शपथ भी दिलाई तथा 1200 सफाई मित्रों को सुरक्षा और सुविधा के लिए स्वच्छता किट वितरित कर सम्मानित किया। कलाकारों द्वारा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से तथा स्वच्छता गीत के माध्यम से स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक किया गया और स्वच्छता का संदेश भी दिया गया और आदर्श प्रयागराज बनाने का संकल्प लिया गया।
उन्होंने कहा कि तीर्थराज प्रयागराज को 3500 सफाई मित्रों के योगदान से स्वच्छ सुंदर बनाने का कार्य किया जा रहा। मेला क्षेत्र को स्वच्छ बनाये रखने के लिए 5000 डस्टबिन रखवाए गए हैं, डेढ़ लाख शौचालय, चेजिंग रूम आदि बनवाए गए है। सड़क किनारे की दीवारों पर जो पेंटिंग की गई है उसमें भी देश की संस्कृति, सभ्यता व संस्कारों की झलक दिख रही है।
उन्होंने कहा कि भारत की एक तिहाई आबादी के बराबर लगभग 45 से 48 करोड़ श्रद्धालु महाकुंभ में प्रयागराज आने वाले हैं, जिसके लिए सुचार व्यवस्था की जानी है। विगत डेढ़ से 02 वर्षों के बीच प्रयागराज में 15 हजार करोड़ रुपए की योजनाएं धरातल पर आई हैं। उसमें से यह दशाश्वमेघ घाट भी बनाया गया है। हजारों की संख्या में विकास कार्य कराए गए हैं, जो कि पहले कभी नहीं हुआ। इसमें से 08 हजार करोड़ रुपए की केंद्र सरकार की परियोजनाएं हैं, जिससे रेलवे स्टेशन, नेशनल हाईवे, एयरपोर्ट आदि का कार्य हुआ है और 07 हजार करोड़ रूपये से अधिक के राज्य सरकार के कार्य हुए हैं, जिससे गंगा घाटों का निर्माण, सड़क चौड़ीकरण, नाले-नालियों का निर्माण, गलियों का निर्माण कार्य हुआ।
उन्होंने कहा कि विपक्षियों को यहां का कार्य दिखता नहीं, उनके नेता ने ट्वीट कर मात्र बिजली के खंभे लगे होने तथा तार न लगे होने का जिक्र किया था, लेकिन शायद उन्हें यह नहीं मालूम की कुंभ का क्षेत्र बहुत विशाल है जैसे-जैसे नए क्षेत्र का विकास होता है, नए पंडाल बनाए जाते हैं, वहां जरूरी सुविधाएं विकसित की जाती हैं। प्रदेश की योगी सरकार में खंबे लगाये जाते हैं, तार भी खीची जाती है और बिजली भी आती है लेकिन पूर्व की सरकारों में लड़के बिजली के तारों में झूला झूलते थे। बिजली के तारों को अर्गनी समझकर महिलाएं कपड़ा सुखाती थी क्योंकि उनको पता था कि 12 घंटे, एक हफ्ते व एक महीने बिजली नहीं आनी। कुंभ तीर्थ क्षेत्र में सभी 30 प्लाटून ब्रिज बनकर तैयार हो चुके हैं।
एके शर्मा ने कहा कि प्रशासन के प्रयासों से गंगा काफी स्वच्छ निर्मल दिख रही है, जो कि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सुखद अहसास दिलाएगा। रात्रि में झूंसी के गंगा पुल से गुजरते हुए कुंभ तीर्थ क्षेत्र का नजारा देखा, लाइट की रोशनी में ऐसा लग रहा था कि एक नहीं बल्कि कई नगर यहां बस गए हैं। संगम तीर्थ क्षेत्र बहुत ही सुंदर दिख रहा था। आज से 44 वर्ष पहले 1980 का भी कुंभ व अर्धकुंभ मैंने देखा था। इसके बाद के भी कुम्भ देखे। लेकिन महाकुंभ 2025 जैसा दिव्य, भव्य, अद्वितीय और अलौकिक व सुंदर होगा, इसके पहले देश दुनिया के लोगों ने कभी नहीं देखा होगा। यह सब सफाई मित्रों के प्रयासों से ही देश का मस्तक दुनिया में ऊंचा हुआ है, इसके लिए हमारे सफाई मित्र सम्मान के हकदार हैं।
पिछले अर्धकुंभ 2019 में प्रधानमंत्री जी ने सफाई मित्रों के सम्मान में उनके चरण धोए थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार, प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी की ओर से मैं सभी सफाई मित्रों का स्वयं चरण वंदन करता हूं। आने वाले महाकुंभ में हमारे सफाई कार्याे की परीक्षा का समय होगा, जिसे हमें पूरी लगन व मेहनत से पूर्ण करना है। 09 हजार सफाई कर्मी इस कार्य के लिए लगाये जाएंगे, साथ ही हजारों मशीने उपकरण और कार्मिक लगाए गए हैं, जिससे कि कोई कमी न रह जाए।
उन्होंने कहा कि दैनिक सफाई के साथ-साथ विशेष सफाई की भी जरूरत होती है जिसके लिए यह सफाई महायज्ञ शुरू किया गया है, जब तक आप सभी सक्रिय होकर इस सफाई कार्याे में योगदान नहीं देंगे, यह कार्य पूरा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि शहर की सड़के चौड़ी हो गई है, ओवर ब्रिज, फ्लाईओवर व पुल बन चुके है, गंगा किनारे 09 घाट भी बनाए गए हैं। शहर के सभी 100 वार्डों के पार्षदों से समस्याओं को लेकर चर्चा हुई, जिसमें जो समस्याएं निकलकर आई उसके समाधान के लिए नगर निगम के सभी अधिकारी और पदाधिकारी मिलकर कार्य करें। सभी अपनी जिम्मेदारी निभाएं वार्डों में जो भी कमियां है, उसे शीघ्र दूर करना है, सभी वार्डों में स्वच्छता एवं व्यवस्थापन के लिए मोहल्ला समितियां गठित की जाए, जो कार्यों कि निगरानी के लिए पूरे समय सक्रिय रहे।
नगर विकास मंत्री ने प्रशासन को सभी दुकानों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, ठेलिया, खोमचे वालों के सामने डस्टबिन रखवाने के निर्देश दिए, जिससे कि गंदगी न फैले। जिसके सामने गंदगी मिले और जो गंदगी फैलाये उसे दंडित करने को भी कहा। उन्होंने लोगों से प्लास्टिक का उपयोग न करने की अपील की। प्लास्टिक का दुष्प्रभाव सभी जीवों और प्रकृति पर पड़ता है, कपड़े व कागज के थैले का प्रयोग करें, दोना पत्तल इधर-उधर ना फेके बल्कि डस्टबिन में ही डालें।
उन्होंने सभी नागरिकों व महिलाओं से अनुरोध किया कि आपके क्षेत्र में आसपास सफाई रहें, इसके लिए सभी सहयोग करें, जिससे कि नागरिकों का जीवन सुखमय बन सके। भारतीय संस्कृति व त्योहारों से सफाई स्वच्छता का संकल्प और प्रेरणा मिलती है। मां गंगा, जमुना, सरस्वती और संगम क्षेत्र को स्वच्छ बनाए रखने के लिए जलाशयों में भी फूल माला और पूजा सामग्री न फेंका जाए। घाटों को स्वच्छ रखें। हमारे शास्त्रों में भी प्रयाग में कुंभ की हजारों साल पुरानी परंपरा का उल्लेख है। समुद्र मंथन से लेकर ब्रह्मा जी का यहां पर यज्ञ करने का भी जिक्र है।
उन्होंने कहा कि कुंभ के अमृत कलश से अमृत पान करने के लिए मनुष्यों के साथ-साथ देवी, देवता, गंधर्व, किन्नर, पशु-पक्षी सभी यहां आते हैं। हमें महाकुंभ की दिव्यता, भव्यता, अलोकिकता के साथ दुनिया को यह भी दिखाना है कि हम कुंभ क्षेत्र में आने वाले 45 से 48 करोड लोगों की व्यवस्था भी सुचारू रूप से कर सकते हैं। बेहतर मैनेजमेंट को भी दुनिया को दिखाना है। यूनेस्को ने हमारी इस परंपरा को वर्ल्ड हेरिटेज का खिताब देकर हमें सम्मानित किया है। कार्यक्रम में महापौर गणेश केसरवानी, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, विशेष सचिव अमित सिंह, नगर आयुक्त चंद्र मोहन गर्ग, अपर निदेशक असलम अंसारी समेत हजारों की संख्या में शहरवासी और देश भर से आये श्रद्धालु मौजूद रहे।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी