संयुक्त राष्ट्र ने भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर के पूर्वानुमान में संशोधन करते हुए बताया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था साल 2024 में करीब 7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि मजबूत सार्वजनिक निवेश और लचीले निजी उपभोग के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी बनी रहेगी। संयुक्त राष्ट्र ने गुरुवार को ‘2024 के मध्य तक विश्व आर्थिक स्थिति और संभावनाओं’ पर रिपोर्ट जारी की।
जनवरी के पूर्वानुमान में किया बदलाव
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए पूर्वानुमान है कि यह साल 2024 में 6.9 फीसदी की विकास दर से बढ़ेगी और 2025 में यह विकास दर 6.6 प्रतिशत रहेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाहरी मांग में कमी के चलते निर्यात दर कम रह सकती है, लेकिन फार्मास्यूटिकल और केमिकल निर्यात में तेजी की उम्मीद है।’ संयुक्त राष्ट्र ने इससे पहले जनवरी में अपने पूर्वानुमान में साल 2024 के लिए भारत की विकास दर 6.2 बताई थी, लेकिन अब इसमें संशोधन करके 6.9 प्रतिशत कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि मजबूत घरेलू मांग और मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में भी मजबूत विकास का भारत को फायदा मिला है। हालांकि 2025 के लिए संयुक्त राष्ट्र ने अपने पूर्वानुमान में कोई बदलाव नहीं किया है। जनवरी में भी संयुक्त राष्ट्र ने 2025 में भारत की विकास दर 6.6 प्रतिशत आंकी थी और अब भी यही आंकड़ा पेश किया है।
श्रम बाजार संकेतकों में हुआ सुधार
संयुक्त राष्ट्र की संशोधित रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति में कमी आई है और 2023 में जहां ये 5.6 प्रतिशत थी, वो 2024 में घटकर 4.5 प्रतिशत हो गई है। यह रिजर्व बैंक की दो से छह प्रतिशत की लक्ष्य सीमा के भीतर है। अन्य दक्षिण एशियाई देशों में भी मुद्रास्फीति में इस साल बीते साल के मुकाबले गिरावट आने की उम्मीद है। कुछ नरमी के बावजूद 2024 की पहली तिमाही में खाद्य चीजों की कीमतें ऊंची बनी हुई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में मजबूत विकास और उच्च श्रम बल भागीदारी के बीच श्रम बाजार संकेतकों में भी सुधार हुआ है। भारत सरकार पूंजी निवेश बढ़ाकर राजकोषीय घाटे को धीरे-धीरे कम करने की कोशिश कर रही है।
दक्षिण एशिया की विकास दर भी मजबूत रहेगी
दक्षिण एशियााई देशों में भी आर्थिक विकास दर के मजबूत रहने की उम्मीद है। दक्षिण एशिया की क्षेत्रीय जीडीपी 2024 में 5.8 प्रतिशत और 2025 में 5.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। हालांकि यह 2023 की विकास दर 6.2 प्रतिशत से कम है। ऊर्जा की बढ़ती कीमतें, भूराजनीतिक तनाव और लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट पर हो रहे हमलों का क्षेत्रीय विकास दर पर असर पड़ेगा। वैश्विक अर्थव्यवस्था 2024 में 2.7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, यह जनवरी के पूर्वानुमान से 0.3 प्रतिशत ज्यादा है। वहीं 2025 में वैश्विक विकास दर 2.8 प्रतिशत रह सकती है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में अमेरिका के अच्छे आर्थिक परिदृश्य के साथ ही भारत, ब्राजील और रूस जैसी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं की अहम भूमिका होगी।