बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को तेजी से बदलते मौसम के दुष्प्रभावों से मुक्ति पाने के लिए निरंतर प्रयास किए जाने की अपील करते हुए कहा कि बिहार में जल-जीवन-हरियाली अभियान को शुरू किया गया है, और इसकी महत्ता को आम लोगों को समझाने की जरूरत है। नीतीश ने कहा कि इस अभियान पर तीन वर्षो में 24 हजार 524 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, और जरूरत के अनुसार राशि में वृद्घि भी की जा सकती है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पटना प्रमंडल स्तरीय समीक्षा बैठक के अंतर्गत पटना, नालंदा, भोजपुर, कैमूर, बक्सर एवं रोहतास जिलों की जल-जीवन-हरियाली अभियान से संबंधित समीक्षा बैठक की गई।
समीक्षा बैठक में सार्वजनिक कुंओं, चापाकल, आहर, पईन का जीर्णोद्घार, नलकूपों, कुओं एवं चापाकल के किनारे सोख्ता निर्माण, जल संरक्षण संरचना, छोटी-छोटी नदियों, नालों, पहाड़ी क्षेत्रों में चेकडैम एवं जल संचयन की अन्य संरचनाओं का निर्माण, नए जल स्रोतों का सृजन, सरकारी भवनों में छत वर्षा जल संचयन से संबंधित जानकारी दी गई।
बैठक में नीतीश कुमार ने कहा कि इस अभियान के तहत राज्य स्तर पर परामर्शदात्री समिति और जिला स्तर पर जिला परामर्शदात्री समिति का गठन किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘जीवन-हरियाली अभियान की महत्ता को समझना होगा। आने वाली पीढ़ी के लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा। विकास के काम तो किए ही जा रहे हैं, किए जाते भी रहेंगे लेकिन क्लाइमेट चेंज पर हर पल काम करते रहना होगा।’
मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में शामिल लोगों से कहा कि 19 जनवरी, 2020 को दिन के 11़30 बजे से 12 बजे तक पुरुष, महिला, युवा सभी को मानव श्रंखला में शामिल होने के लिए आप सब प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि 16 हजार किलोमीटर से ज्यादा लंबी मानव श्रंखला बनाने का लक्ष्य रखा गया है।