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Health Tips: हाई बीपी कंट्रोल करने के लिए ऐसे करें जटामांसी का उपयोग, जानिए सही सेवन विधि

आजकल बढ़ते तनाव, खराब डाइट, फिजिकल एक्टिविटी की कमी और लाइफस्टाइल की वजह हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन एक आम समस्या बन गई। कई बार लोग लंबे समय तक इस समस्या से अंजान रहते हैं। क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं। यह कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बन सकती है। जैसे- स्ट्रोक, दिल की बीमारी और किडनी की समस्या। हालांकि पारंपरिक दवाइयों से इस स्थिति का इलाज किया जा सकता है।

आयुर्वेद में हाई बीपी के इलाज के लिए नेचुरल उपाय बताए गए हैं। इन्हीं में से एक औषधि है जटामांसी, जिसका आयुर्वेद में ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए एक प्रभावी उपाय माना जाता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए जटामांसी का उपयोग कैसे करना चाहिए।
हाई बीपी के लिए जटामांसी
हेल्थ एक्सपर्ट की मानें, तो हाई ब्लड प्रेशर को नजरअंदाज करना बेहद खतरनाक माना जाता है। अगर आप समय रहते इसको कंट्रोल नहीं करते हैं, तो यह आपको गंभीर खतरे में डाल सकते हैं। आयुर्वेद में इस समस्या को प्राकृतिक तरीकों से प्राकृतिक तरीकों से कंट्रोल करने के कई प्रभावी उपाय बताए गए हैं। जटामांसी को बालछड़ भी कहा गया है। इसको आयुर्वेद में एक जरूरी औषधि माना गया है। हाई बीपी को कंट्रोल करने में विशेष भूमिका निभाती है। हेल्थ एक्सपर्ट की मानें, तो मार्केट में मिलने वाली जटामांसी का 90% हिस्सा नकली होता है। यह नकली जटामांसी बिना तेल के होती है और इसका प्रभाव खत्म हो जाता है। इसलिए हमेशा डॉक्टर की सलाह पर असली जटामांसी का उपयोग करें।
मांसपेशियों को आराम देने और मानसिक शांति प्रदान करने के लिए जटामांसी जानी जाती है। इसका इस्तेमाल बीपी को कम करने और हार्ट की हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए किया जा सकता है। अगर इसका सही तरीके से और सही मात्रा में इस्तेमाल किया जाए, तो हाई बीपी को कंट्रोल करने का नेचुरल और प्रभावी उपाय हो सकता है। जटामांसी में एंटी-हाइपरटेंसि गुण पाए जाते हैं। यह रक्त वाहिनियों को खोलने में मदद करता है और इससे ब्लड सर्कुलेशन सुचारू रूप से होता है।
ऐसे करें जटामांसी का सेवन
जटामांसी चूर्ण
जटामांसी का चूर्ण भी बहुत असरदार होता है। आप इसको शहद या घी के साथ ले सकते हैं। यह हाई बीपी को कंट्रोल करने में मदद करता है और आपको मानसिक शांति प्रदान करता है। आप डॉक्टर की सलाह पर इस चूर्ण का नियमित रूप से सेवन कर सकते हैं।
जटामांसी तेल
आयुर्वेद में इसके तेल का भी उपयोग किया जाता है। यह तनाव और चिंता को खत्म करने के लिए अच्छा होता है। इस तेल से मस्तिष्क को आराम मिलता है और मानसिक शांति मिलती है।
जटामांसी का काढ़ा
बता दें कि जटामांसी का काढ़ा बनाकर भी आप इसका सेवन कर सकते हैं। यह काढ़ा हाई बीपी को कम करने और शरीर को शांति देने में सहायता करता है।

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