अंतर्विभागीय समन्वय बनाकर अन्य विभागों की लाभार्थीपरक परियोजनाओं में समूहों की सहभागिता सुनिश्चित करने का बनाया जाए प्लान – केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री
- Published by- @MrAnshulGaurav
- Friday, May 20, 2022
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन महिलाओं को स्वावलंबी बनाने का बहुत बड़ा प्लेटफार्म है। गरीबी उन्मूलन की यह बहुत बड़ी योजना है। ग्रामीण आजीविका मिशन से गांव में विकास की अविरल गंगा बहेगी। उन्होंने कहा कि बी सी सखी से प्रदेश की महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं।
केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग, विशेषकर ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारियों को निर्देश दिए गए दिए कि वह आजीविका मिशन के तहत चलाई जा रही महिला सशक्तिकरण की विभिन्न योजनाओं को पूरी गंभीरता, संवेदनशीलता तथा गतिशीलता के साथ संचालित करें और हर योजना के बेहतर से बेहतर परिणाम हासिल करने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि विभाग में बेहतर कार्य करने वाले अधिकारियों ,कर्मचारियों व स्वयं सहायता समूह को सम्मानित किया जाए और कार्यों में लापरवाही बरतने वाले लोगों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण आजीविका मिशन से ज्यादा से ज्यादा लोग फायदा उठाएं, इसके लिए योजनाओं और उनके क्रियान्वयन की जानकारी जन जन तक पहुंचाने का भरसक प्रयास किया जाए।
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मिड-डे-मील में स्वयं सहायता समूह की सहभागिता सुनिश्चित कराने तथा अंतरविभागीय समन्वय बनाकर अन्य विभागों की लाभार्थी परियोजनाओं में समूहों की सहभागिता सुनिश्चित कराने का प्लान बनाया जाए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि प्रत्येक योजना का गहनता के साथ परीक्षण और आडिट होना चाहिए ।श्री केशव प्रसाद मौर्य आज गन्ना संस्थान में उ०प्र०राज्य ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के सभागार में ग्रामीण आजीविका मिशन के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।इस अवसर पर आजीविका मिशन के सभी बिंदुओं के बारे में बिंदुवार व योजनावार प्रेजेंटेशन किया गया।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि बीसी सखी व अन्य योजनाओं में ग्रामीण महिलाओं और समूहों की महिलाओं को और अधिक प्रोत्साहित किया जाए और यह देखा जाए कि कहीं पर भी किसी का शोषण न होने पाए। अच्छा कार्य करने वाली बीसी सखियों को प्रशस्ति पत्र दिए जाएं। बीसी सखी के चयन, प्रशिक्षण ,मुद्रा लोन, संकुल स्तरीय संगठन, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना, ग्राम संगठन को प्रशिक्षण एवं क्षमता संवर्धन, महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना सहित विभिन्न योजनाओं की उपमुख्यमंत्री ने समीक्षा की।
बैठक में बताया गया कि ग्रामीण आबादी को घर-घर बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य प्रदेश की 58000 ग्राम पंचायतों में समूह सदस्यों से बीसी सखी चयन की कार्यवाही करते हुये 56875 उम्मीदवारों का चयन किया गया तथा 42092 बी सी सखियों को प्रशिक्षित किया गया और 36842 बीसी सखियों के समूहो को बीसी सपोर्ट फंड प्राप्त हुआ और 25541 बी सी सखियों द्वारा लेनदेन शुरू किया गया। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बी सी सखियों के कार्यों से लोगों को बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने में बहुत ही सकारात्मक और सार्थक परिणाम निकल कर आए हैं ।ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को अपने बैंक खातों से धन निकालने और जमा करने में बीसी सखियों के सहयोग से बहुत बड़ी आसानी हुई है और उनका बैंक तक जाने -आने का समय व खर्चा बच रहा है।
उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना में दावों के निस्तारण में सरलता लाई जाए और इसके लिए जो भी प्रक्रियात्मक कार्रवाई करनी है, उसे किया जाए । ग्राम संगठन व संकुल स्तरीय संघ संगठन के विषय में जानकारी देते हुए बताया गया कि सामुदायिक शौचालयों का संचालन , स्कूल ड्रेस बनाने ,आंगनवाड़ी केंद्रों में पुष्टाहार वितरण, सूखे राशन का वितरण, पोषाहार बनाये जाने जैसे कार्य समूहो द्वारा किए जा रहे हैं। बीसी सखी के माध्यम से लगभग 3000 करोड़ का लेन देन बैंकों से कराया गया है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण विभाग की कई योजनाओं में समूहो की सहभागिता सुनिश्चित की जा सकती है। उपमुख्यमंत्री ने कहा की हाईवे के किनारे वृक्षारोपण में 5 साल में समूह की प्रत्येक महिला को प्रति पेड़ औसतन रू 1500 /- मिल सकेंगे। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बी सी सखियों के अवशेष चयन के कार्य को जल्दी से जल्दी पूरा कर लिया जाए। बताया गया समूहो द्वारा 243 पुष्टाहार इकाइयों की स्थापना का कार्य प्रक्रियाधीन है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि समूहों के माध्यम से ऐसी भी चीज बनाने का प्रयास किया जाए, जिसका विदेशों में निर्यात हो सके।
उपमुख्यमंत्री ने विद्युत सखियों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इनको और अधिक सक्रिय किया जाए। बताया गया कि विद्युत सखियों माध्यम से लगभग रु0115 करोड के विद्युत बिल जमा कराए गए हैं। लगभग 9000 विद्युत सखी क्रियाशील है और इसमें विद्युत सखियों को अच्छा कमीशन प्राप्त हुआ है । प्रदेश में 1840 उचित दर की दुकानों का आवंटन स्वयं सहायता समूह को किया गया है और 350 प्रक्रियाधीन है। उपमुख्यमंत्री ने कहा की गांवों में एक अतिरिक्त दुकान खोलकर उसका संचालन समूह को दिए जाने का प्रपोजल बनाया जाए ।यह योजना बहुत ही कारगर और सफल सिद्ध हो रही है । श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जो योजनाएं बनाई गई हैं, उनके नामों का सरलीकरण किया जाए ,ताकि आम जनमानस उनको भली-भांति जान सके।
कृषि उत्पादन आयुक्त, श्री मनोज कुमार सिंह ने ग्राम्य विकास विभाग की योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मिशन निदेशक ग्रामीण आजीविका मिशन श्री भानुचन्द गोस्वामी ने कहा कि उपमुख्यमंत्री जी द्वारा जो निर्देश दिए गए हैं, उनका अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा।