Breaking News

30 से 7 जून तक तीन देशों की यात्रा पर रहेंगे वेंकैया नायडू

अपने बयान में मंत्रालय ने कहा कि उपराष्ट्रपति की 9 दिवसीय यात्रा में उनके साथ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार तीन संसद सदस्यों सुशील कुमार मोदी, विजय पाल सिंह तोमर और पी. रवींद्रनाथ सहित एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल होगा।

नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू 30 -07 जून तक गैबॉन, सेनेगल और कतर का दौरा करेंगे। गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने इस बारे में एक बयान जारी कर जानकारी दी है। अपने बयान में मंत्रालय ने कहा है कि भारत की ओर से उप राष्ट्रपति स्तर की तीनों देशों की यह पहली यात्रा होगी। वहीं भारत की ओर से गैबॉन और सेनेगल की पहली उच्च स्तरीय यात्रा भी होगी।

30 से 7 जून तक तीन देशों की यात्रा पर रहेंगे वेंकैया नायडू

भारत की ओर से उप राष्ट्रपति स्तर की तीनों देशों की यह पहली यात्रा

अपने बयान में मंत्रालय ने कहा कि उपराष्ट्रपति की 9 दिवसीय यात्रा में उनके साथ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार तीन संसद सदस्यों सुशील कुमार मोदी, विजय पाल सिंह तोमर और पी. रवींद्रनाथ सहित एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल होगा।

09 दिवसीय यात्रा के दौरान उपराष्ट्रपति के साथ उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल रहेगा मौजूद

विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि उपराष्ट्रपति की कतर यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब दोनों देश राजनयिक संबंधों की स्थापना की 50 वीं वर्षगांठ मनाने की तैयारी में हैं। उपराष्ट्रपति 30 मई से एक जून तक गेबन की यात्रा पर रहेंगे। 01 जून से 3 जून तक सेनेगल की यात्रा करेंगे। उपराष्ट्रपति चार जून से सात जून तक कतर यात्रा पर जाएंगे।
वेंकैया नायडू गोबन की प्रधानमंत्री रोज क्रिश्चियन ओसोउका रापोंडा से मुलाकात करेंगे।

इसके अलावा गोबन के राष्ट्रपति अली बोंगो ओंदिम्बा और अन्य गणमान्य लोगों से भेंट करेंगे। वहीं, सेनेगल यात्रा के दौरान वह राष्ट्रपति मैकी साल से मुलाकात करेंगे। इतना ही नहीं नायडू वहां के कारोबारियों और भारतीय समुदाय के लोगों से भी बात करेंगे। कतर में नायडू वहां के नायब अमीर शेख अब्दुल्ला बिन हमाद अल थानी से मिलेंगे।

(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)

About reporter

Check Also

‘दोषसिद्धि नैतिक नहीं, साक्ष्य आधारित ही हो सकती है’, अदालत ने अपहरण-हत्या केस में रणदीप सिंह को बरी किया

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी मामले में नैतिक दोषसिद्धि नहीं हो सकती। अदालतें केवल ...