दिल्ली में हिंसा का दौर थम चुका है. अब कार्रवाई का दौर जारी है. नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में अब तक 334 एफआईआर दर्ज किए जा चुके हैं. इसके साथ ही अभी तक 33 लोगों को गिरफ्तार और 903 लोगों को हिरासत में लिया गया है. इसके अलावा सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रखी जा रही है. अफवाह फैलाने के मामले में 13 केस दर्ज किए गए हैं. आर्म्स एक्ट के 44 केस दर्ज किए गए.
हिंसा की चपेट में आने से अब तक 46 लोगों की मौत हो चुकी है. अभी भी कई घायलों का इलाज चल रहा है. इसमें गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल में 38, लोक नायक हॉस्पिटल में 3, जग परवेश चंदर हॉस्पिटल में एक और डॉक्टर राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में चार लोगों की मौत हुई है.
इस बीच दिल्ली वालों ने रविवार की रात बेचैनी और दहशत में काटी. देर शाम अचानक दिल्ली के कुछ इलाकों में हिंसा की अफवाह उड़ी, जिसने देखते ही देखते कई इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया. खास तौर पर पश्चिमी दिल्ली के इलाकों में इस अफवाह से अफरा-तफरी मच गई. तिलक नगर, सुभाष नगर से लेकर सरिता विहार और बदरपुर तक ये झूठी खबर फैल गई कि दिल्ली के कई इलाकों में दो गुटों के बीच हिंसा हुई है.
सुबह-सुबह फ्लैग मार्च, शांति की अपील
अफवाहों को सोशल मीडिया ने जहां बढ़ाया वहीं मेट्रो ने 7 स्टेशनों के गेट बंद कर इसे और हवा दे दी. बाद में इन स्टेशनों के गेट खुलवाए गए, लेकिन पूरी रात दिल्ली पुलिस के अधिकारी लोगों को समझाते रहे कि दिल्ली में सब शांति है और हिंसा की खबर महज एक अफवाह है. सोमवार सुबह भी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया और लोगों से शांति बनाने की अपील की.
हालात सामान्य, लेकिन अभी भी डरे हैं लोग
नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में अब हालात सामान्य होने लगे हैं. मौजपुर-जाफराबाद में रेहड़ी पर सब्जी बेचने वाले सड़कों पर लौट आए है. हिंसा के 9वें दिन स्थिति सामान्य है, हालांकि लोग अभी भी डरे हुए हैं. न्यूज एजेंसी से बात करते हुए मौजपुर चौराहे पर फर्नीचर की दुकान चलाने वाले एक व्यापारी ने कहा कि हालात अब सामान्य हैं, पर लोग अभी भी डरे हुए हैं. सड़कों पर व बाजार में पहले जितने लोग तो नजर नहीं आ रहे, लेकिन लोगों ने अब घरों से बाहर निकलना शुरू कर दिया है.