• अब सात कतारों में रामलला के दर्शन के लिए श्रध्दालु करेंगे प्रवेश।
• सुरक्षा के दृष्टिगत मेला क्षेत्र को 7 जोन व 39 सेक्टरों में किया गया है विभाजित।
अयोध्या। रामनवमी को लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 15 अप्रैल से 18 अप्रैल तक वीआईपी दर्शन (IP darshan), सुगम दर्शन पास और आरती पास पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध लगा दिया है। ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय के अनुसार पहले से आरती के लिए ऑनलाइन बुक हुए पास भी निरस्त कर दिए गए हैं।
उन्होंने आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि रामलला के दर्शन के लिए मोबाइल, जूता-चप्पल समेत अन्य सामानों को न लेकर आए। रविवार को मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र और ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय ने जन्मभूमि परिसर में स्थलीय निरीक्षण किया। ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा ने बताया कि सोमवार को मंदिर निर्माण समिति की बैठक भी शुरू होगी।
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प्राण प्रतिष्ठा के बाद भव्य मंदिर में पहली श्री राम जन्मोत्सव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छाप छोड़ेगी, जिसको लेकर राम जन्मभूमि परिसर में खास तैयारी की गई है। परिसर को फूलों से सजाया जा रहा है। राम मंदिर में राम नवमी के दिन भव्य उत्सव का आयोजन किया जाएगा।
महासचिव चम्पतराय के अनुसार रामनवमी के दिन श्रद्धालुओं के लिए दर्शन की अच्छी व्यवस्था बनाई गई है। जन्मभूमि पथ से राम मंदिर में दर्शन करने के लिए सात लाइनों में श्रद्धालु प्रवेश करेंगे और मंदिर परिसर के बाहर निकालने के दौरान रामलला (Ram Lala) का प्रसाद भी उन्हें दिया जाएगा। लेकिन दर्शन व्यवस्था में सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नही होगा।
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अयोध्या में रामनवमी मेला को लेकर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। सरयू घाट से लेकर मंदिर सुरक्षा में अधिकारियों और जवानों को उतार दिया गया है। रामपथ, भक्ति पथ, जन्मभूमि पथ पर बैरियर के माध्यम से भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था को भी लागू कर दिया गया है।
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पुलिस अधीक्षक नगर मधुबन सिंह के अनुसार इस बार श्रद्धालुओं की भारी संख्या में अयोध्या धाम में आने की संभावना है।
इस दृष्टिकोण से संपूर्ण मेला क्षेत्र को 7 जोन और 39 सेक्टर में विभाजित किया गया है। घाट को सुरक्षित करने के लिए जल पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और बाढ़ राहत की दो पीएससी कंपनी को भी लगाया गया है। मेला क्षेत्र को लेकर 11 अपर पुलिस अधीक्षक, 150 इंस्पेक्टर, 400 सब इंस्पेक्टर और 1100 कांस्टेबल बाहर से आये हैं।
रिपोर्ट-जय प्रकाश सिंह