AIMPLB ने शनिवार को UCC को देश की विविधता की भावना में एकता के लिए ‘खतरा’ करार देते हुए यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के किसी भी ‘विधायी या न्यायिक’ कदम के विरूद्ध चेतावनी देते हुए बोला है कि यह ट्रिपल तलाक़ विरोधी कानून की संवैधानिक वैलिडिटी को भी चुनौती देगा.
ऑल इंडिया मुस्लिम व्यक्तिगत लॉ बोर्ड ने अपनी कार्यकारी समिति की मीटिंग में अपने चीफ राबे हसन नदवी की अध्यक्षता में निर्णय लिया, जिसके दौरान यह भी उम्मीद की गई कि सर्वोच्च कोर्ट ने 2.77 एकड़ विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद धरती पर शीर्षक सूट पर फैसला सुनाया जाएगा वो मुसलमानों के पक्ष में हो. AIMPLB की मीटिंग में इसके उपाध्यक्ष फखरुद्दीन अशरफ किछौछवी, महासचिव मौलाना वली रहमानी, बोर्ड के वरिष्ठ मेम्बर जफरयाब जिलानी व खालिद रशीद फिरंगी महाली व जमात-ए-उलेमा हिंद के प्रमुख मौलाना अरुध्द मदन सहित कई उच्च पदाधिकारी उपस्थित थे.
यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किए जाने के किसी भी भावी कदम का विरोध करते हुए, या तो कानून या न्यायिक निर्णय के जरिए, AIMPLB ने कठोर चेतावनी जारी करते हुए बोला है कि ‘अदालतें, चाहे केंद्रीय हो या प्रांतीय’ को इस ‘देश विरोधी कृत्य’ को होने से रोकना चाहिए.