Breaking News

वंचितों को मिला जब ‘बावा’ का स्नेहिल स्पर्श; झूम उठा बचपन, खिल उठे चहरे

कोलकाता: बचपन को अगर एक शब्द में परिभाषित करना हो तो कह सकते हैं, बचपन यानी मौज-मस्ती। इसके सिवाय और कुछ नहीं। बच्चे तो बच्चे होते हैं…बच्चों की न कोई जात होती है न ही कोई धर्म। वे तो स्वच्छंद, खिलंदड़ होते हैं। मस्त मौला…खूब खेलना और खुद मस्ती करना। लेकिन लाख टके का सवाल यह है कि क्या सभी बच्चों की बचपन ऐसे गुजरती है…। उत्तर मिलेगा शायद नहीं…। इसलिए ऐसे वंचित बच्चों के जीवन में थोड़ी मस्ती, थोड़ी खुशी और शिक्षा की रोशनी को जगाने का बीड़ा उठाया है, ‘बावा’ यानी बीएसएफ वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन ने।

इसी क्रम में शुक्रवार को ‘बावा’ पूर्वी कमान ने कोलकाता के हेस्टिंग्स आश्रय में कल्याण कार्यक्रम का आयोजन किया। तपती गर्मी में जब वंचितों बच्चों के सिर पर ममतामयी स्नेहिल स्पर्श मिला। ममता की स्नेहिल छांव में वंचितों का बचपन झूम उठा और
चेहरे खुशी के मारे खिल उठे। इसलिए भी शायद कहा जाता है, ‘नर सेवा ही, नारायण सेवा है’।

आवश्यक वस्तुएं प्रदान कर की मदद
बीएसएफ के पूर्वी कमान के प्रवक्ता संजय गुप्ता ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि बीएसएफ वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (बावा) द्वारा वंचित वर्गों के उत्थान के लिए कल्याणकारी गतिविधियों के अपने संकल्प को ध्यान में रखते हुए, कोलकाता के हास्टिंग्स शेल्टर एरिया में एक समुदाय कल्याण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व बावा पूर्वी कमान की प्रमुख डॉ. प्रेमा गांधी ने किया। इसका उद्देश्य है आश्रय गृह के निवासियों को आवश्यक वस्तुएं प्रदान कर उनकी सहायता करना। इस दौरान बावा के सदस्यों ने आश्रय गृह के निवासियों को पका हुआ गर्म भोजन, कपड़े, राशन और स्टेशनरी इत्यादि का वितरण किया, ताकि उनकी तत्कालिक ज़रूरतें पूरी की जा सके। डॉ. प्रेमा गांधी, जो वंचितों के लिए कल्याणकारी गतिविधियों में हमेशा अग्रणी रही हैं, ने अन्य बीएसएफ बावा सदस्यों के साथ मिलकर ज़रूरतमंद लोगों को सामान वितरित किया।

शिक्षा तोड़ सकती है गरीबी का चक्रः गांधी
गुप्ता ने बताया कि कार्यक्रम का एक मुख्य पहलू शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना था। डॉ. प्रेमा गांधी और बावा के सदस्यों ने व्यक्तिगत रूप से माता-पिता और बच्चों से संपर्क किया और उन्हें अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने प्रेरित किया कि कैसे शिक्षा गरीबी के चक्र को तोड़ने और परिवारों के सामाजिक उत्थान में योगदान देने में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभाती है। बावा के इस प्रयास की स्थानीय लोगों ने काफी सराहना की।

About News Desk (P)

Check Also

अहंकार जीवन को समाप्ति की ओर ले जाता है- पण्डित उत्तम तिवारी

अयोध्या। अमानीगंज क्षेत्र के पूरे कटैया भादी में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन ...