त्रिपुरा में बीजेपी सरकार बनने के साथ एक नई रुपरेखा ही बनने लगी है।
सरकार बनने के साथ ही माहौल तब ज्यादा गरम हो गया जब कुछ लोगो ने बेलोनिया में रूसी क्रांति के नायक ब्लादीमीर इलिच Lenin की मूर्ति गिरा दी। इसी के साथ ही बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। जगह जगह आगजनी, तोड़फोड़ और मारपीट की घटनाएं हो रही हैं।
जाने कौन हैं Lenin …
तानाशाही विरोधी थे लेनिन
- रूसी क्रांति के नायक ब्लादीमीर इलिच लेनिन को मन जाता है।
- रूस में सामंतवादी प्रथा को खत्म करने वाले क्रांतिकारी नेता व्लादिमीर लेनिन बचपन से ही तानाशाही के विरोधी थे।
मूर्ति टूटा देख भड़के समर्थक
- मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का कहना है कि यहां बीजेपी-आइपीएफटी कार्यकर्ता तोड़फोड़ और मारपीट कर रहे हैं।
- बीजेपी समर्थकों ने जानबूझकर व्लादिमीर लेनिन की मूर्ति को बुलडोजर की मदद से ढहा दिया।
- मूर्ति तोड़ने की घटना की जानकारी होने के बाद से सीपीएम समर्थक भी भड़क गए हैं।
- इसके बाद से यहां पर माहौल काफी तनाव भरा हो गया।
- प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी कर दी है।
मजदूर व किसानों को प्रतिनिधि नियुक्त किया
- लेनिन ने 1917 में अक्टूबर क्रांति का नेतृत्व कर कामगार, मजदूर व किसानों वाली सरकार का गठन किया।
- वह बोलशेविक्स के नेता के रूप में 1917-1924 तक सोवियत गणराज्य के शीर्ष पद पर रहे।
क्रांतिकारी ग्रंथों का अध्ययन करते थे
- 22 अप्रैल 1870 में जन्में लेनिन सरकार द्वारा प्रतिबंधित क्रांतिकारी ग्रंथों का अध्ययन करते थे।
- कॉलेज के दिनों में तानाशाही विरोधी छात्र प्रदर्शनों में भाग लेने के कारण और मार्क्सवादी संगठन बनाने के कारण उन्हें कई बार कॉलेज से निकाला गया था।
लेनिन का शव न जलाया गया, न दफनाया
- लेनिन दुनिया के उन नेताओं में शामिल हैं जो मरने के बाद भी चर्चा में रहे।
- लेनिन का 1924 में 54 साल की उम्र में स्ट्रोक की वजह से निधन हो गया था।
- खास बात यह है कि लेनिन के शव को न जलाया गया, न ही दफनाया गया था।
यहां है लेनिन का पार्थिव शरीर
- लेनिन का शव मास्को के रेड स्कवेयर के एक म्यूजियम में रखा है।
- रूसी बायोमेडिकल टेक्नोलॉजी रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर लेनिन के शव की देखभाल तब से कर रही है जब पहली बार उनके पार्थिव शरीर को जनता दर्शन के लिए मॉस्को के रेड स्क्वेयर में रखा गया था।
दुनिया के लिविंग लीजेंड
- लेनिन सिर्फ रूस में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में लिविंग लीजेंड बन गए थे।
- लेनिन ने कई पुस्तकें और कविताएं भी लिखीं जिनमें क्या करें, रूस में पूंजीवाद का विकास, रूसी सामाजिक जन वादियों के कर्तव्य जैसी रचनाएं शामिल हैं।
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