कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है लोग अभी इसकी दहशत से ठीक से बाहर आ भी नहीं पाए हैं और एक बार फिर से एक नई बीमारी के आने की आशंका जताई जा रही है, जिसके चलते हर किसी के मन में डर है और सबसे हैरानी की बात यह है कि इस नई बीमारी की शुरुआत कोरोना की तरह चीन से ही हुई है.
चीन में अचानक बढ़े संक्रामक एच9एन2 के मामलों पर डब्ल्यूएचओ भी पूरी तरीके से अलर्ट पर है और अधिकारियों से लगातार स्थिति की जानकारी देते रहने और देश में बढ़ते संक्रामक रोग की रोकथाम के लिए प्रयास करते रहने की सलाह दी है. इन सबके बीच बड़ा सवाल यह है कि क्या भारत को भी इस रोग को लेकर अलर्ट हो जाने की जरूरत है? आइए इस बारे में समझते हैं की भारत में कैसी स्थिति है और भारत कितना तैयार है?
क्या है इस बीमारी की मुख्य वजह?
न्यूज़18 से बातचीत में डॉक्टर अतुल गोगिया ने कहा है कि चीन में सर्दियों के मौसम की शुरुआत हो गई है और महामारी के बाद यह पहली सर्दी है जब यहां किसी प्रकार के प्रतिबंध नहीं है. लॉकडाउन और प्रतिबंधों का हटना भी इस बीमारी के फैलने की एक बड़ी वजह है.
चीन में फैली यह बीमारी रहस्यमयी क्यों है?
न्यूज़ 18 से बातचीत में एम्स के बाल रोग विभाग के प्रोफेसर राकेश लोढ़ा ने कहा की चीन में कोरोना की रोकथाम के लिए जो प्रतिबंध लगे थे लेकिन अब इन्हें हटा दिया गया है. जब ऐसे प्रतिबंध हटते है तो ऐसे इन्फेक्शन बढ़ने के ज़्यादा चांस रहता है. चीन में यह मामले लगातार क्यों बढ़ रहे हैं इसकी जानकारी अभी समय के साथ ही पता लगेगी. इसे रहस्यमयी इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि अभी यह काफी नई है. इसके लक्षण अलग है और इसके बारे में ज़्यादा पता नहीं है.
चीन में फैली ये बीमारी निमोनिया से क्यों है अलग है?
डॉक्टर अतुल गोगिया ने न्यूज़ 18 से बातचीत में कहा कि निमोनिया के सामान्य लक्षणों की बात करें, तो इसमें बलगम और बिना बलगम के साथ होने वाली खांसी, बुखार, ठंड लगना और सांस लेने में दिक्कत होना है. लेकिन अगर चीन में फैले इस रहस्यमयी निमोनिया की बात करें तो इसके लक्षणों में बिना खांसी के तेज बुखार और फेफड़ों में सूजन शामिल हैं.
क्या हैं निमोनिया के लक्षण
निमोनिया के दौरान बच्चे की छाती में दर्द होना, खांसी आना, थकान और बुखार अहम लक्षण हैं.
कितना तैयार है भारत, क्या भारत में जोखिम है
चीन में बच्चों में एच9एन2 मामलों के प्रकोप और श्वसन संबंधी बीमारियों को लेकर भारत सरकार स्थिति पर नजर रख रही है और बचाव के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. आईसीएमआर और स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक इस बात को लेकर गंभीरता से उपाय कर रहे हैं, जिससे जोखिमों से बचाव किया जा सकता है. भारत में इस वायरस के फैलने का खतरा काफी कम है इसके बावजूद मंत्रालय इस स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए है.