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चांद पर लूना-25 क्यों हुआ था तबाह, क्रैश होने से पहले क्या हुआ? रूस ने बताया

नई दिल्ली: भारत के मून मिशन ‘चंद्रयान-3’ के साथ रेस लगाने के दौरान क्रैश हो चुके रूस के लूना-25 को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है. चांद के साउथ पोल पर पहुंचने के अपने महत्वाकांक्षी मिशन के फेल होने के एक महीने से अधिक समय बाद रूसी स्पेस एजेंसी यानी स्टेट स्पेस कॉरपोरेशन रोस्कोस्मोस ने खुलासा किया कि एक खराबी के कारण लूना-25 मिशन दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.

रूसी स्पेस एजेंसी के प्रारंभिक विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि खराबी ऑन-बोर्ड कंट्रोल यूनिट में थी, जिसके कारण अगस्त में चंद्रमा पर लैंडिंग के दौरान लूना-25 अंतरिक्ष यान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इसके साथ ही 47 सालों बाद रूस का पहला चंद्र मिशन का सपना चकनाचूर हो गया.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी स्पेस एजेंसी ने बताया कि कंट्रोल यूनिट प्रोपोल्सन सिस्टम यानी प्रणोदन प्रणाली को निष्क्रिय करने में विफल रही, जिससे चंद्रमा की ओर अंतरिक्ष यान की गति से आवश्यकता से डेढ़ गुना अधिक समय तक विस्फोट हुआ. इसके परिणाम स्वरूप 19 अगस्त को रूस का मून मिशन लूना-25 नियंत्रण से बाहर हो गया और चंद्रमा से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इसके साथ ही चांद के साउथ पोल पर भारत को पछाड़ने की मॉस्को की उम्मीदें धराशायी हो गईं. इसके चार दिन बाद ही 23 अगस्त को भारत का चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक साउथ पोल पर उतरा और इतिहास बन गया.

दरअसल, लूना-25 का क्रैश हो जाना रूस के लिए यह किसी बड़े झटके से कम इसलिए भी नहीं है, क्योंकि साल 1957 में मास्को पृथ्वी की कक्षा में उपग्रह लॉन्च करने वाला पहला देश था और 1961 में सोवियत अंतरिक्ष यात्री यूरी गगारिन अंतरिक्ष में यात्रा करने वाले पहले व्यक्ति बने थे. यह विफलता शीत युद्ध प्रतियोगिता के गौरवशाली दिनों के बाद से रूस की अंतरिक्ष शक्ति में गिरावट को रेखांकित करती है.

रूसी स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस ने लूना-25 के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण का प्रारंभिक विश्लेषण किया है. रोस्कोस्मोस ने बताया, ‘अंतरिक्ष यान को सर्कुलर लूनर ऑर्बिट से अण्डाकार पूर्व-लैंडिंग कक्षा में स्थानांतरित करने के लिए एक सुधारात्मक पल्स जारी करते समय लूना -25 प्रणोदन प्रणाली ने पूर्व में निर्धारित 84 सेकंड के बजाय 127 सेकंड तक काम किया.’ एजेंसी ने आगे कहा कि दुर्घटना का सबसे संभावित कारण गलत डेटा कमांड के कारण ऑन-बोर्ड नियंत्रण प्रणाली की बीआईयूएस-एल कोणीय वेग मापने वाली इकाई में खराबी के रूप में पहचाना गया. इसका नतीजा यह हुआ कि जरूरत पड़ने पर प्रणोदन प्रणाली को बंद नहीं किया गया और इस तरह लूना क्रैश हो गया. फिलहाल, रूस अपने अंतरिक्ष में महत्वाकांक्षी योजनाओं को लेकर आशान्वित है

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