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विपक्षी नेताओं को ईडी का दफ्तर दिखाने वाले संजय मिश्रा के कार्यकाल पर क्यों मची थी रार

ईडी के पूर्व निदेशक संजय कुमार मिश्रा (Sanjay Kumar Mishra) को प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (Economic Advisory Council0 का पूर्णकालिक सदस्य नियुक्त किया गया है। शीर्ष विपक्षी नेताओं को ईडी का दफ्तर दिखाने वाले मिश्रा के कार्यकाल को लेकर खूब रार मची थी। यहां तक कि उनके सेवा विस्तार से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया था। चार बार सेवा विस्तार लेने वाले मिश्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने एक फैसले में तीखी टिप्पणी करते हुए कहा था वे किसी भी सूरत में 15 सितंबर 2023 के बाद अपने पद पर नहीं रहेंगे। सर्वोच्च अदालत की टिप्पणियों पर खुशी जाहिर करने वाले विपक्षी नेताओं को केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने जवाब देते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी मना रहे लोग विभिन्न कारणों से ‘भ्रम’ में हैं।

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विपक्षी नेताओं को ईडी का दफ्तर दिखाने वाले संजय मिश्रा के कार्यकाल पर क्यों मची थी रार

मिश्रा के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार, राकांपा संस्थापक शरद पवार, महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख, जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित कई बड़े नेताओं को प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ का सामना करना पड़ा था।

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल 15 सितंबर 2023 को समाप्त हो गया था। चार बार सेवा विस्तार लेने वाले मिश्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में साफ कर दिया था कि वे किसी भी सूरत में 15 सितंबर के बाद अपने पद पर नहीं रहेंगे। ‘विपक्ष’ के टॉप लीडर्स, ‘ईडी’ के पूर्व निदेशक मिश्रा को भुला नहीं सकेंगे। वजह, दर्जनों नेताओं को विभिन्न मामलों में पूछताछ के लिए ईडी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़े थे।

1984-बैच के आईआरएस अधिकारी, संजय मिश्रा को 19 नवंबर, 2018 को दो साल के कार्यकाल के लिए ईडी प्रमुख नियुक्त किया गया था। उनका कार्यकाल 13 नवंबर, 2020 को समाप्त होना था, मगर केंद्र सरकार ने मिश्रा की नियुक्ति को लेकर नियमों में संशोधित कर दिया। नतीजा, ईडी निदेशक का कार्यकाल, दो से तीन वर्ष हो गया। नवंबर 2021 में मिश्रा के पद छोड़ने से पहले, राष्ट्रपति ने दो अध्यादेश जारी किए थे। इनमें से एक ‘दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम’, 1946 और दूसरा ‘केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम’, 2003 था।

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