लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई अब उस स्थिति में पहुंच चुकी है, जिसमें सभी को पूरी मजबूती से जुटना होगा। सरकार, समाज, स्वास्थ्य कर्मी, स्वच्छता कर्मी, स्वैच्छिक संगठन, निगरानी समितियां मिलकर कार्य करेंगे, तो निर्णय हमारे पक्ष में होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि निगरानी समितियां फ्रण्टलाइन कोरोना वाॅरियर्स के रूप में प्रदेश का सुरक्षा कवच बनकर हर नागरिक को सुरक्षित रखने में सफल होगी। श्री योगी निगरानी समितियों द्वारा किए जा रहे कार्यों के सम्बन्ध में आज वर्चुअल माध्यम से आयोजित द्विपक्षीय संवाद कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आपदा के समय प्रबन्धन के साथ जुड़कर समस्या के समाधान का रास्ता निकालना महत्वपूर्ण होता है। वर्तमान समय में कोरोना वाॅरियर्स के चुनौतीपूर्ण कार्यों के दृष्टिगत उनका मनोबल बढ़ाना आवश्यक है। प्रदेश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 72 हजार से अधिक निगरानी समितियां सराहनीय कार्य कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना में उपचार से अधिक बचाव महत्वपूर्ण है। बचाव के उपाय अपनाने अथवा समय पर उपचार मिलने पर कोरोना कुछ नहीं बिगाड़ सकता। यदि इसे ध्यान में रखकर कार्य किया जाए, तो कोरोना को परास्त करने में कोई देर नहीं लगेगी। उन्होंने कहा कि आशा, आंगनबाड़ी, युवक मंगल दल, महिला मंगल दल तथा सिविल डिफेंस आदि के स्वयं सेवक अच्छा कार्य कर रहे हैं, जिसके बेहतर नतीजे प्राप्त हो रहे हैं। निगरानी समितियों ने कोरोना की पहली वेव में अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्य किया था। 40 लाख से अधिक प्रवासी कामगारों और श्रमिकों की क्वारण्टीन सेण्टर में व्यवस्था, होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों से संवाद, खाद्यान्न वितरण में सहयोग जैसे कार्यों में उल्लेखनीय सहयोग किया।
उन्होने कहा कि कोविड-19 के सम्बन्ध में राज्य सरकार गत वर्ष से निरन्तर सावधानी बरतते हुए लगातार चिकित्सा सुविधाओं को सुदृढ़ कर रही है। कोविड-19 के 04 करोड़ 03 लाख से अधिक टेस्ट किए जा चुके हैं। यह संख्या पूरे देश में सर्वाधिक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के उपचार की व्यवस्था को बेहतर बनाया गया। आज हमारे पास एल-1 श्रेणी के 1 लाख 16 हजार तथा एल-2 व एल-3 श्रेणी के 65 हजार बेड उपलब्ध हैं।