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हज में बिना ‘मेहरम’ के भी जा सकेंगी महिलाएं, 10 मार्च तक कर सकेगे आवेदन

स बार हज का फर्ज मुस्लिम महिलाएं अब बिना किसी पुरुष साथी के भी निभा सकती हैं। केंद्र सरकार की गाइड लाइन पर हज में बिना ‘मेहरम’ (पुरुष रिश्तेदार) के महिलाओं को जाने की इजाजत मिल गई है। 45 साल से अधिक उम्र की महिला अकेले जाने को आवेदन दे सकती है।

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बरेली में हज ट्रेवल्स एजेंसी संचालकों की मानें तो हज में बिना ‘मेहरम’ हज यात्रा करने वाली महिलाओं की ओर से कोई आवेदन तीन साल से नहीं हुए हैं। शरीयत हुकुम को देखते हुए बिना मेहरम मुस्लिम महिला हज पर नहीं गई है।

हज में बिना 'मेहरम'

शुक्रवार (10 फरवरी) से हज कमेटी ऑफ इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट पर यात्रा के लिए फॉर्म ऑनलाइन उपलब्ध हो गए हैं। आवेदन 10 मार्च 2023 तक जमा किए जा सकते हैं। आवेदन करने वाले आवेदक के पास 10 मार्च 2023 को या उससे पहले जारी किया गया वैध भारतीय अंतरराष्ट्रीय पासपोर्ट होना चाहिए।

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इस्लाम में शरीयत के अनुसार एक महिला 78 किलोमीटर से अधिक की यात्रा अकेले नहीं कर सकती है। अगर उसे इससे अधिक यात्रा करनी है तो उसके साथ पुरुष का होना ज़रूरी है।

केवल 2019 में आठ महिलाओं का दो समूह बरेली में बिना ‘मेहरम’ हज यात्रा पर गया था। इनमें चार महिलाएं पुराने शहर और चार नवाबगंज के सैंथल तहसील से गई थीं। बरेली हज सेवा समिति के संस्थापक पम्मी खान वारसी ने हज यात्रियों से अपील करते हुए कहा कि हज यात्रा फॉर्म भरने से पहले हज कमेटी ऑफ इंडिया द्वारा जारी हज नीति और गाइडलाइंस के मुताबिक अपना हज फॉर्म ऑनलाइन भरें।

सहूलियत के लिये बरेली हज सेवा समिति के प्रभारी नजमुल एसआई खान, हाजी फैजान खां कादरी से जानकारी हासिल कर सकते हैं। उप्र राज्य समिति अल्पसख्य कल्याण के सदस्य डा सैयद एहतेशाम उल हुदा ने बताया कि हज आवेदन के लिए बरेली के सभी ई सुविधा केंद्रों पर यह सुविधा उपलब्ध है।

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