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महिला पहलवानों ने भाजपा सांसद बृज भूषण के करीबी सहयोगियों पर लगाया ये आरोप , कहा मिल रही धमकी

हिला पहलवानों ने भाजपा सांसद बृज भूषण के करीबी सहयोगियों पर धमकी देने का आरोप लगाया है। इसके मुताबिक सांसद के करीबी सहयोगियों ने महिला शिकायकर्ताओं को उस वक्त धमकी दी, जब वह सरकार द्वारा बनाई गई निगरानी समिति के सामने पेश हो रही थीं।

इस बारे में एक लिखित शिकायत दी गई है। बृज भूषण के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रही महिला पहलवान ने समिति को इस बारे में ई मेल किया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि जब महिला पहलवान समिति के सामने बयान देने जा रही थीं तो बृज भूषण के लोगों ने उनपर बयान वापस लेने का दबाव बनाने की कोशिश की। यह आरोप बृज भूषण के खिलाफ दिल्ली पुलिस की 1600 पन्नों की चार्जशीट का हिस्सा हैं।

ऐसा ही एक शिकायती ई मेल 13 फरवरी, 2023 को लिखा गया है। इसमें शिकायकर्ता ने लिखा है कि नौ फरवरी 2023 को जेएलएन स्टेडियम में बयान दर्ज किए जाने के दौरान निजता भंग की गई थी। कमेटी को संबोधित ई मेल में लिखा गया है कि जैसा कि आपको मालूम है कि बुलाते वक्त हमसे कहा गया था कि निजता और गोपनीयता का पूरा ख्याल रखा जाएगा।

लेकिन हम यह देखकर हैरान रह गए कि बयान दर्ज होने के दौरान बृज भूषण के पसंदीदा, जय प्रकाश, महावीर विश्नोई और दिलीप पूरे दिन कांफ्रेंस रूम के इर्द-गिर्द मंडरा रहे थे। इसके चलते वहां का माहौल पूरी तरह से असहज हो गया था। ई-मेल में आगे कहा गया है कि हमने नोटिस किया कि इन लोगों ने पीड़ित पहलवानों का रुख किया और दबाव बनाने की कोशिश की, जो कि पूरी तरह से अस्वीकार्य था।

महिला शिकायतकर्ता की ई-मेल में आगे लिखा है कि इन घटनाओं ने हमें काफी ज्यादा असहज किया। इस तरह से निजता का भंग किया जाना बर्दाश्त योग्य नहीं है। ई-मेल में आगे तुरंत ऐक्शन लिए जाने और आगे की कार्रवाई के दौरान प्राइवेसी और गोपनीयता को बरकरार रखने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए आश्वासन मांगा गया है। बता दें कि सरकार द्वारा बनाई गई निगरानी समिति में मैरी कॉम, योगेश्वर दत्त, बबिता फोगटा, तृप्ति मुरुगुंडे, राधिका श्रीमानंद और राजेश राजगोपालन थीं।

ई-मेल में आगे कहा गया था कि कानून के मुताबिक इन लोगों को वहां नहीं होना चाहिए था। इसके चलते हमारी निजता पूरी तरह से भंग हो रही थी। अगर वहां पर कुछ गलत हो जाता तो इसके लिए जिम्मेदार कौन होता? इस शिकायत के मुताबिक बयान दर्ज होने के दौरान एक अन्य व्यक्ति भी मौजूद था। इस व्यक्ति से हमारा परिचय तक नहीं कराया गया था। यह भी कानून के पूरी तरह से खिलाफ था, क्योंकि इस कार्रवाई के दौरान केवल छह कमेटी सदस्यों को ही वहां पर मौजूद रहने की इजाजत थी।

 

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