राजभवन में अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह का शुभारंभ तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक ने किया था. इस परंपरा का आठवें योग पर निर्वाह किया गया. यहां आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहभागी हुए. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का योग पर संबोधन सदैव प्रेरणा देता है. उनके प्रयास से ही संयुक्तराष्ट्र संघ द्वारा 21 जून को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया था.आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी समारोह को संबोधित किया.
राज्यपाल आनन्दी बेन योग को भारत की अमूल्य धरोहर मांनती है.योग की अपनी जीवन शैली में शामिल करने की आवश्यकता है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया. कहा कि उनके प्रयासों के फलस्वरूप आज पूरी दुनिया में योग मनाया जा रहा. नरेंद्र मोदी ने भारतीय ऋषि परंपरा के उपहार योग को न केवल भारत में, बल्कि दुनिया में प्रतिष्ठित किया है। इस समय देश आजादी का अमृत महोत्सव भी माना रहा है.
इसको ध्यान में रखते हुए उत्तर के 75,000 स्थानों पर योगाभ्यास संपन्न हुआ है। दुनिया के दो सौ से अधिक देश हमारी ऋषि परंपरा व विरासत के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर रहे हैं. योगी ने कहा कि भारतीय मनीषा ने शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम् का संदेश दिया. अर्थात शरीर स्वस्थ है तो धर्म के सभी साधन अपने आप क्रम से सफल होते जाएंगे। योग का पहला नियम अनुशासन से जुड़ा है.
योग अनुशासन में बांधकर निरोगता और शारीरिक व मानसिक विकास की ओर ले जाता है. राजभवन के इस कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी संस्थान, पतंजलि योग संस्थान, दीनदयाल योग संस्थान, हार्टफुलनेस, ईशा फाउंडेशन, रामकृष्ण मिशन, योग टीचर एसोसिएशन, मोक्षायतन, सूर्यांश के सदस्यगण तथा अन्य लोगों द्वारा प्रतिभाग किया गया.