राजस्व ग्रामों में खेल मैदान के लिए चिह्नित जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के निर्देश दिए गए हैं। विकसित किए गए खेल मैदान की देखरेख की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत को दी गई है। प्रदेश के 43907 राजस्व ग्रामों में अभी खेल के मैदान चिह्नित नहीं हो पाए हैं।
विधान परिषद में खेल मैदानों पर कब्जे का मामला उठाए जाने पर प्रदेश सरकार ने बताया कि खेल मैदानों को आरक्षित किए जाने के संबंध में सभी जिलों से सूचना प्राप्त करने के लिए राजस्व परिषद की वेबसाइट के मुख पृष्ठ पर ‘अन्य महत्वपूर्ण विभागीय लिंक’ पर एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है।
पोर्टल पर प्रदेश के 23037 राजस्व ग्रामों में खेल मैदानों की सूचना दर्ज है। कुल 1837 खेल मैदानों पर अतिक्रमण पाया गया, जिसमें से 1104 को अतिक्रमण से मुक्त करा लिया गया है। अभी 43907 राजस्व ग्रामों में खेल के मैदान चिह्नित या विकसित नहीं हो पाए हैं। राज्य सरकार ने दो सदस्यों की तरफ से खेल मैदानों पर कब्जे के संबंध में उठाए गए सवालों पर जांच कराने का आश्वासन भी दिया।
प्रदेश में खेल संस्कृति के विकास के लिए प्रत्येक राजस्व ग्राम में अनिवार्य रूप से एक हेक्टेयर भूमि चिह्नित कर खेल का मैदान विकसित करने के आदेश सभी जिलाधिकारियों को किए गए थे। शासनादेश में यह व्यवस्था भी दी गई है कि अलग से खेल का मैदान अथवा जमीन उपलब्ध न होने की दशा में प्राथमिक विद्यालय के लिए आरक्षित जमीन से विद्यालय की आवश्यकता से शेष बची जमीन पर खेल मैदान विकसित किया जाए। विकसित किए गए खेल मैदान की देखरेख संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा की जाएगी। सीमा की सुरक्षा के लिए समुचित व्यवस्था भी की जाएगी, ताकि भविष्य में उस पर अतिक्रमण न हो सके।