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योगी आदित्यनाथ सरकार ने विगत चार वर्षों में विकास के अनेक रिकार्ड बनाये है। जबकि इसमें एक वर्ष कोरोना संकट में व्यतीत हुआ। एक बार फिर इस आपदा का सामना करना पड़ रहा है।
इसके बाबजूद योगी आदित्यनाथ ने अर्थव्यवस्था, विकास व राहत कार्यों को संभालने में कसर नहीं छोड़ी। उनके पास अपनी उपलब्धियां गिनाने के लिए बहुत कुछ है। इसमें निवेश भी शामिल है। फहले निवेशकों की उत्तर प्रदेश में रुचि नहीं रहती थी। योगी आदित्यनाथ ने अनुकूल माहौल का निर्माण किया।
व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव किया गया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में इक्कीस सेक्टोरल पाॅलिसीज के माध्यम से निवेश को आकर्षित करने में सहायता मिली है। ईज ऑफ डूईंग बिजनेस’ के लिए भी सुधार किए गए। चार वर्ष पहले उत्तर प्रदेश ईज ऑफ डूईंग बिजनेस’ रैंकिंग में चौदहवें स्थान पर था। आज सरकार की नीतियों के माध्यम से दूसरे स्थान पर आ गया है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में तीन लाख करोड़ रुपए का निवेश प्रदेश में आया है। टीम वर्क के माध्यम से जो प्रयास हुए हैं। उससे नए भारत का नया उत्तर प्रदेश बन रहा है।
कोरोना प्रबन्धन का मानक और उदाहरण उत्तर प्रदेश ने प्रस्तुत किया है। उसकी सराहना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी सहित डब्ल्यूएचओ ने भी की है। प्रदेश में लागू नीतियों के परिणामस्वरूप कोविड काल में भी छप्पन हजार करोड़ रुपए का निवेश आया। इस दौरान लगभग चालीस लाख प्रवासी श्रमिक उत्तर प्रदेश में आए। उन्हें रोजगार के अवसर भी प्रदान किए गए। हर जरूरतमन्द को भरण पोषण भत्ता उपलब्ध कराया गया। योगी आदित्यनाथ उनके सरकारी आवास पर सेना समकक्ष संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों, सिविल सेवा अधिकारियों एवं मित्र देशों के एक प्रतिनिधिमण्डल ने शिष्टाचार भेंट की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों का परिचय प्राप्त कर उनसे संवाद किया। इस प्रतिनिधिमण्डल में भारत सहित इण्डोनेशिया, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, श्रीलंका, वियतनाम, म्यांमार, सऊदी अरब आदि देशों के सैन्य अधिकारी शामिल रहे। यह प्रतिनिधिमण्डल इन दिनों उत्तर प्रदेश में अध्ययन भ्रमण पर है।
कनेक्टिविटी कीर्तिमान
चार वर्ष पहले प्रदेश में दो एयरपोर्ट फंक्शनल थे। वर्तमान में आठ एयरपोर्ट फंक्शनल हैं। सत्रह एयरपोट्र्स पर कार्य हो रहा है। पांच अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के एयरपोर्ट बन रहे हैं। जेवर में एशिया के सबसे बड़े नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है। इसका निर्माण विगत तीस वर्षों से लम्बित था,जिसका समाधान किया गया। कुशीनगर व अयोध्या में भी इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण का तेजी से कार्य चल रहा है।
सड़कों का संजाल बिछाते हुए कनेक्टिविटी को बढ़ाया गया है। पांच नए एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण अन्तिम चरण में है। इसी प्रकार, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर तेजी से कार्य चल रहा है। इससे डिफेंस काॅरिडोर को भी जोड़ा गया है। गोरखपुर व बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे बनाए जा रहे हैं। मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य प्रारम्भ किए जाने के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया संचालित है।
विगत चार वर्षों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चालीस लाख आवास की व्यवस्था ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में की गई है। अवस्थापना विकास से ‘ईज ऑफ लिविंग’ में सुधार आया है। योजनाओं का लाभ बिना किसी भेदभाव के समाज के सभी वर्गों को मिला है, जिसके अच्छे परिणाम दिखायी पड़ रहे हैं। पर्यटन के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किए गए हैं।
आत्मनिर्भर अभियान में योगदान
प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान में उत्तर प्रदेश उल्लेखनीय योगदान दे रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि परम्परागत उद्यम को प्रोत्साहित करने के लिए ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ ओडीओपी आज देश की लोकप्रिय योजना है। यह योजना आज आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश तथा आत्मनिर्भर भारत का आधार बन रही है।
इससे परम्परागत उद्यम को नई उड़ान व पहचान मिली है। इसका परिणाम है कि प्रदेश में पचास लाख से अधिक एमएसएमई यूनिट्स की स्थापना हुई है। स्टार्टअप और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के माध्यम से युवाओं को बेहतर अवसर मिले हैं। पूरी पारदर्शिता के साथ चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां दी गईं। तीन करोड़ युवाओं को रोजगार से जोड़ा गया है।