लखनऊ। देश भर में सभी राज्य कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए ऑक्सीजन प्लांट तो लगाने का काम कर रहे हैं, लेकिन ऑक्सीजन की वेस्टेज रोकने के लिये यूपी की योगी सरकार तेजी से जुटी है। नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने के साथ-साथ ऑक्सीजन के वेस्टेज और लीकेज रोकने पर भी उसका जोर है। सरकार की इस पहल पर सबसे पहला कदम डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय ने उठाया है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय सरकारी व निजी अस्पतालों का ऑक्सीजन आडिट के साथ ऑक्सीजन के वेस्टेज व लीकेज रोकने के लिए भी तकनीक विकसित करने का काम करेगा। इसके लिए संस्थान अपने शिक्षकों के साथ-साथ प्रदेश के 750 संस्थानों के ढ़ाई लाख से अधिक छात्रों की मदद लेगा।
विश्वविद्यालय की ओर से इस पर छात्रों से आइडियाज मांगे गए हैं। इस विषय पर छात्रों का हैकाथॉन भी आयोजित किया जाएगा। एकेटीयू के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने बताया कि कोरोना संक्रमण के दौर में ऑक्सीजन आपूर्ति पूरे देश में एक चुनौती बनी हुई है। ऐसे में एकेटीयू की ओर से मेडिकल ऑक्सीजन के वेस्टेज एवं लीकेज को नियंत्रित करने के उपायों के अध्ययन के लिए एक हैकाथॉन का आयोजन करने जा रहा है।
एकेटीयू के सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज के सहायक आचार्य डॉ. अनुज शर्मा ने बताया कि विवि द्वारा मेडिकल ऑक्सीजन के वेस्टेज एवं लीकेज को नियंत्रित करने के लिए 06 प्रॉब्लम चिन्हित करके उस पर छात्रों से 10 मई तक इनोवेटिव आइडिया आमंत्रित किये गए हैं। डॉ. अनुज बताते हैं कि ऑक्सीजन के वेस्टेज एवं लीकेज को नियंत्रित कर बहुत से मरीजों को ऑक्सीजन मुहैया करवाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि हैकाथॉन आयोजन का एकमात्र उद्देश्य ऑक्सीजन के वेस्टेज, लीकेज एवं लॉसेस को नियंत्रित करने के लिए टेक्नोलॉजिकल समाधान विकसित करना है।
यूपी बनेगा पहला राज्य
कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक बताते हैं कि पूरे देश में ऑक्सीजन के नए प्लांट लगाने पर काम किया जाएगा लेकिन योगी सरकार के नेतृत्व में यूपी पहला राज्य होगा जो नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने के साथ उसका नुकसान व लीकेज रोकने का काम करेगा। इसके लिए छात्रों से इनोवेटिव आइडियाज मांगे गए हैं। इस सभी इनोवेटिव आइडिया की स्क्रीनिंग की जाएगी। इनमें से सबसे बेहतर इनोवेटिव आइडिया देने वाले छात्र को सम्मानित भी किया जाएगा।