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पल्स ऑस्ट्रेलिया और ऑस्ट्रेड करेंगे काबुली चना और मसूर दाल पर आईपीजीए नॉलेज सीरीज़ वेबिनार का आयोजन

भारत के दलहन व्यापार एवं उद्योग के लिए केंद्रीय संस्था, भारत दलहन एवं अनाज संघ (आईपीजीए) द्वारा ‘आईपीजीए नॉलेज सीरीज़’ के तत्वावधान में गुरुवार (13 मई 2021) को दोपहर 3.30 बजे काबुली चने और मसूर दाल पर वेबिनार का आयोजन किया जाएगा। पल्स ऑस्ट्रेलिया और ऑस्ट्रेड के साथ आईपीजीए इस वेबिनार का सह-आयोजन कर रही है।

इस वेबिनार का उद्देश्य दो विशिष्ट दलहनों, काबुली चने और मसूर दाल को कवर करते हुए भारतीय एवं ऑस्ट्रेलियाई फसलों की स्थिति पर अपडेट प्रस्तुत करना है और इसमें पिछले मौसम में उत्पादन, आपूर्ति-मांग परिदृश्य, अनुमानित व्यापार का वॉल्यूम और कीमतें जैसी विभिन्न पहलूओं के साथ-साथ कोविड-19 महामारी का उत्पादन और व्यापार पर असर के बारे चर्चा की जाएगी।

इस वेबिनार में चार वक्ताओं का पैनल होगा, जिसमें से दो वक्ता भारत के और दो ऑस्ट्रेलिया के होंगे। भारत का प्रतिनिधित्व मैनेजिंग डायरेक्टर-एसार्को एक्ज़िम और आईपीजीए के पूर्वी ज़ोन के संयोजक अनुराग तुलशान और मैनेजिंग पार्टनर-जीजीएन रिसर्च नीरव देसाई द्वारा किया जाएगा। वहीं ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व पल्स ऑस्ट्रेलिया के डायरेक्टर निक पौटनी और विल्सन इंटरनेशनल ट्रेड के मैनेजिंग डायरेक्टर पीटर विल्सन करेंगे। वेबिनार की शुरुआत विटेरा इंडिया के भारतीय हेड सौरभ के भाषण से होगी और स्टुअर्ट रीज़, सीनियर ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट कमिश्नर ऑस्ट्रेड द्वारा समापन भाषण दिया जाएगा।

आईपीजीए के संस्थापक निदेशक प्रवीण डोंगरे ने कहा कि, भारत सरकार ने हाल ही कृषि क्षेत्र में पथ-प्रवर्तक सुधारों की घोषणा की है जिसके चलते हमारा मानना है कि एग्री-इन्फ्रा क्षेत्र में बड़े निवेश के रास्ते खुल सकेंगे। भारत में एग्री इन्फ्रा स्पेस फसल कटाई पश्चात प्रबंधन, वेयरहाउसिंग, लॉजिस्टिक्स इत्यादि जैसे क्षेत्रों में निवेश के कई अवसर प्रस्तुत करता है। हम उम्मीद करते हैं कि ऑस्ट्रेलियाई कंपनियां इन सुधारों का लाभ उठाएंगी और भारत में सप्लाइ चेन क्षेत्र में निवेश करेंगी। हम भारतीय एग्री इन्फ्रा क्षेत्र में निवेश को सुगम बनाने के लिए पल्स ऑस्ट्रेलिया और ऑस्ट्रेड के साथ काम करने की उम्मीद करते हैं।

आईपीजीए चेयरमैन जीतू भेडा ने वेबिनार के बारे में बात करते हुए कहा कि, जबकि दुनिया कोविड महामारी के संकट से जूझ रही है, इस समय में, विभिन्न हितधारकों के लिए दलहनों की फसल और संपूर्ण परिदृश्य को समझना महत्वपूर्ण है। भारतीय दलहन क्षेत्र के लाभ के लिए हम अग्रणी दलहन संघों के साथ संबंध स्थापित करने और अधिक विकास करने की उम्मीद कर रहे हैं। आईपीजीए में हम इसके महत्व को समझते हैं, ना सिर्फ घेरलू व्यापार के दृष्टिकोण से बल्कि इसके साथ ही आयात-निर्यात के दृष्टिकोण से भी। मुझे पूरा भरोसा है कि यह वेबिनार, जिसका सह-आयोजन हम पल्स ऑस्ट्रेलिया और ऑस्ट्रेड के साथ कर रहे हैं, सभी हितधारकों को दोनों ही कमोडिटीज़ पर गहरी जानकारी प्रदान करेगा और उन्हें सूचना आधारित व्यापार निर्णय लेने में सहायता करेगा।

अनुराग तुलशान ने वेबिनार में अपनी भूमिका के बारे में बात करते हुए कहा कि, दुनियाभर से 800 से ज़्यादा सहभागियों की औसत उपस्थिति के साथ आईपीजीए नॉलेज सीरीज़ बहुत सफल रही है। इस वेबिनार की मेज़बानी करने के लिए साथ में आगे आने के लिए मैं पल्स ऑस्ट्रेलिया और ऑस्ट्रेड की सराहना करता हूँ। मैं पिछले मौसम के लिए मसूर दाल उत्पादन, संपूर्ण मांग-आपूर्ति परिदृश्य, कीमत दृष्टिकोण और इसके साथ ही मसूर दाल की आपूर्ति और माँग दोनों पर ही कोविड-19 के असर पर एक अपडेट प्रस्तुत करुंगा।

नीरव देसाई ने वेबिनार में अपनी भूमिका के बारे में बात करते हुए कहा कि,आईपीजीए पिछले साल से सफलतापूर्वक आईपीजीए नॉलेज सीरीज़ का आयोजन करता रहा है और इसके बाद उतनी ही सफलता के साथ फरवरी 2021 में नेशनल पल्स सेमिनार का आयोजन किया गया। यह शायद पहली बार है जब ऑस्ट्रेलिया और भारत से सर्वोच्च व्यापारी संस्थाएँ चने और मसूर दाल पर वेबिनार का आयोजन करने के लिए एक दूसरे के साथ सहयोग कर रही हैं। मैं पिछले मौसम के लिए देसी और काबुली चने के उत्पादन, संपूर्ण मांग-आपूर्ति परिदृश्य, कीमत दृष्टिकोण और इसके साथ ही दोनों दलहनों की आपूर्ति और माँग दोनों पर ही कोविड-19 के असर पर एक अपडेट प्रस्तुत करुंगा।

पीटर विल्सन, मैनेजिंग डायरेक्टर (विल्सन इंटरनेशनल ट्रेड) ने वेबिनार में अपनी भूमिका के बारे में बात करते हुए कहा कि, चने के अपेक्षित बुआई क्षेत्र के उद्देश्यों (और पैदावार की उम्मीदों) के बारे में बात करने के अलावा मैं यह भी समझाउंगा कि आखिर क्यों देसी चना ऑस्ट्रेलियाई उत्पादकों के लिए केवल एक “चक्रीय” फसल नहीं है। ऑस्ट्रेलियाई किसान जानते हैं कि प्रतिस्पर्धात्मक रुप से किस प्रकार सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता के देसी चने का उत्पादन किया जाता है और वे उनके परिचालन के कृषि प्रणाली का एक महत्वपूर्ण भाग हैं। मैं इस तथ्य पर भी बात करुंगा कि ऑस्ट्रेलियाई उत्पादक और निर्यातक आयात के मामले में भारत के साथ फिर से जुड़ने के लिए तैयार हैं लेकिन इसके साथ ही बताउंगा कि भारत की गैर-मौजूदगी में ऑस्ट्रेलियाई उत्पाद का सेवन करने वाले बड़े गंतव्य स्थान कौन से हैं।

स्टुअर्ट रीज़, सीनियर ट्रेड ऐंड इन्वेस्टमेंट कमिश्नर (ऑस्ट्रेड) ने वेबिनार के बारे में कहा कि, भारत में मांग और आपूर्ति की कमी को पूरा करने में सहायता करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले दलहनों (चना, मूँग, फलियाँ, मसूर दाल, सूखाए गए मटर) के एक भरोसेमंद निर्यातक के तौर पर ऑस्ट्रेलिया बेहतर स्थिति में है। ऑस्ट्रेलियाई किसान जितना ज़्यादा भारतीय उत्पादन और नीतियों के मौसमी संभावनाओं के बारे में जानेंगे और समझेंगे उतना ही ज़्यादा उनके अपनी बुआई से जुड़े फैसले करने के लिए बेहतर स्थिति में होंगे। उसी तरह से, भारत जितना ज़्यादा ऑस्ट्रेलियाई फसलों के बारे में जानेगा, उतना ही बेहतर तरीके से वे उनके आयात के निर्णयों की योजना बना पाएंगे। ऑस्ट्रेड ने इस वेबिनार और नियमित ज्ञान विनिमय करने के लिए आईपीजीए और पल्स ऑस्ट्रेलिया के साथ भागीदारी की है, ताकि अनुमान लगाने की क्षमता और संबंधों को मज़बूत किया जा सके और जिससे भारतीय बाज़ार और ऑस्ट्रेलियाई उत्पादकों के लिए लाभ प्राप्त हो सके।

पल्स ऑस्ट्रेलिया की चेयरपर्सन जॉर्जी एली ने वेबिनार के बारे में कहा कि, उच्च गुणवत्ता वाले दलहनों की आपूर्ति करने और दीर्घायु एवं भरोसेमंद संबंध विकसित करने के लिए भारतीय समकक्षों के साथ काम करने की ऑस्ट्रेलियाई दलहन उद्योग की लंबी और गौरवशाली परंपरा रही है। भारत में इस मुश्किल भरे समय में, कोविड के कारण आपूर्ति ठप होने के चलते भारतीय दलहनों की किसी अल्पावधि आपूर्ति में कमी को पूरा करने हेतु ऑस्ट्रेलियाई दलहन उद्योग मदद करने के लिए तैयार है। यह वेबिनार हमारे दोनों देशों के बीच संबंधों का मूर्त रुप में दर्शाता है और इसका आयोजन सही समय पर किया गया है ताकि भारतीय बाज़ार को ऑस्ट्रेलियाई दलहन बुआई लक्षों पर नवीनतम अपडेट उपलब्ध कराई जा सके और इसके साथ ही ऑस्ट्रेलियाई बाज़ार को भारतीय रबी फसल की कटाई और खरीफ फसल की संभावनाओं के बारे में सीधी जानकारी प्रदान की जा सके।

भारत और व्यापक विश्व में दलहन क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा और उनकी गहराई से खोज करने हेतु आईपीजीए नॉलेज सीरीज़ में सरकार, बाज़ार, और उद्योग से महत्वपूर्ण एवं प्रतिष्ठित डोमेन विशेषज्ञों के साथ वेबिनार आयोजित किए जाते हैं। इस वेबिनार का आयोजन ऑस्ट्रेलियाई सरकार के ऑस्ट्रेलिया इंडिया बिज़नेस एक्सचेंज (एआईबीएक्स) कार्यक्रम के अंतर्गत किया गया है। जिसका उद्देश्य ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच पारस्परिक व्यापार साक्षरता और व्यावसायिक भागीदारी में वृद्धि करना है। वेबिनार के लिए पंजीकरण और उपस्थिति निःशुल्क उपलब्ध है। उपस्थिति के इच्छुक व्यक्ति https://forms.gle/ykdedKtWrTozQ8VBA पर पंजीकरण करा सकते हैं।

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