मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्ण क्षमता से अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वाह करते है। इसी के साथ वह गोरक्षपीठाधीश्वर के रूप में धार्मिक अनुष्ठान हेतु समय निकालते है। लॉक डाउन में इस पीठ में भी अनुष्ठानों पर विराम लगा था। अनलॉक में सीमित संख्या के साथ विधिवत पूजा अर्चना का शुभारंभ हुआ है। योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर यात्रा का समय निकाला। वह यहां कुछ समय ही रुके।
यहां आकर उन्होंने नवरात्र कलश स्थापना की थी। अष्टमी पर यहां उन्होंने हवन किया। नवमी पर परम्परा के अनुसार उन्होंने कन्या पूजन किया। कन्याओं के पांव पखारे उनको मां जगदम्बे की चुनरी प्रदान की और अपने हाथों से उनको प्रसाद वितरित किया। इसके पहले मुख्यमंत्री MYogiAdityanath ने प्रदेशवासियों को विजयादशमी दशहरा पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। कहा है कि विजयादशमी का पर्व हमें आशा,उत्साह और ऊर्जा के साथ अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का संदेश देता है।
उन्होंने विजयादशमी के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में कोविड-19 के प्रोटोकाॅल तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्ण पालन करने की अपील की। प्रदेशवासियों को दशहरा पर्व की शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री श्री MYogiAdityanath जी ने कहा है कि विजयादशमी के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने आतंक,अन्याय एवं अधर्म के पर्याय रावण पर विजय प्राप्त की थी। यह पर्व अधर्म पर धर्म, बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है।
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मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम सत्य, मर्यादा,न्याय,शांति, परोपकार और लोक कल्याण हेतु समर्पित थे। नैतिक, मानवीय और सामाजिक मूल्यों के प्रतीक भगवान श्रीराम का जीवन सद्मार्ग पर चलने एवं आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा प्रदान करता है। विजयादशमी शक्ति-उपासना का उत्सव है। नवरात्रि के नौ दिन माँ जगदंबा की उपासना करके भक्तों में शक्ति का संचार होता है।