भारतीय समाज आदिकाल से उत्सव धर्मी रहा है. यहां के पर्व उत्सव उत्साह का संचार करते हैं. समरसता का संदेश देते हैं. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत के पर्व और त्योहार भारत की ऋषि परम्परा की साधना और सिद्धि का परिणाम हैं।
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पर्व और त्योहार उत्साह और उमंग की परम्परा के वाहक हैं।
हमने सदैव सकारात्मक सोच के साथ भारत की परम्परा को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। योगी आदित्यनाथ बागपत में श्री गुरु गोरक्षनाथ आश्रम, भगवानपुर नागल में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा महापुराण के शुभारम्भ कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। आश्रम परिसर में नवनिर्मित सत्संग भवन का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों के संरक्षण से नई ऊर्जा मिलती है।
श्रीमद्भागवत महापुराण कथा ‘ज्ञान यज्ञ’ है। यह मोक्ष और मुक्ति से जुड़ा हुआ है। हम सभी मुक्ति के लिए विभिन्न धाम और तीर्थों में जाकर कामना करते हैं। हम दान और यज्ञ भी मुक्ति की कामना से करते हैं। मुक्ति या मोक्ष का अर्थ है, जिस संकल्प के साथ हम बढ़े हैं, उसमें पारंगत हो जाएं। अलग-अलग व्यक्ति के लिए मुक्ति का अर्थ अलग अलग हो सकता है।
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संन्यासी के लिए यह जन्म मरण के बंधन से छूटना है तो गृहस्थ के लिए उसके सत्कर्मों का सुफल मिलना है। इस महापुराण में ज्ञान, भक्ति और वैराग्य तीनों मिलता है। इससे समाज में सकारात्मकता बढ़ेगी। खुशहाली आएगी और अव्यवस्था समाप्त होगी। यही हमारे जीवन का उद्देश्य होना चाहिए।
रिपोर्ट-डॉ दिलीप अग्निहोत्री