लखनऊ। नगर निगम सीमा में हाउस टैक्स की गणना अब भवन स्वामी खुद भी कर पाएंगे। यह व्यवस्था सभी की घर बैठे मिलेगी। नई व्यवस्था के तहत नगर निगम सीमा में आने वाले भवन स्वामियों को घर बैठे ऑनलाइन हाउस टैक्स निर्धारण का ऑप्शन रहेगा। अभी तक नगर निगम में ऑनलाइन हाउस टैक्स के भुगतान की ही व्यवस्था थी। यह सुविधा शहरवासियों को बीस जनवरी से मिलने लगेगी। नगर निगम इस सुविधा के लिए नया सॉफ्टवेयर भी बना रहा है।
कर निर्धारण कराना आसान नहीं
अभी तक भवन कर की गणना करने के बाद फार्म को जमा करने के लिए शहरवासियों को नगर निगम दफ्तर आना पड़ता था। प्रपत्र भरने के बाद उसे जमा कराना और फिर कर निर्धारण कराना आसान नहीं था। कई दिनों तक भवन स्वामियों को ऑफिसों के चक्कर लगाने पड़ते थे। कभी लिपिक तो कभी जोनल अधिकारी, कर अधीक्षक और राजस्व निरीक्षक नहीं मिलने से भवन स्वामी परेशान होते थे लेकिन अब यह दौड़भाग बच जाएगी। अब नगर निगम की वेबसाइट पर जाते ही भवन कर का निर्धारण करने की प्रक्रिया से आप जुड़ जाएंगे। नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारियों ने बताया कि भवन स्वामियों के लिए यह सुविधा पहली बार शुरू हो रही है। नया सॉफ्टवेयर तैयार हो रहा है और उम्मीद है कि बीस जनवरी से इसका लाभ भवन स्वामियों को मिलने लगेगा।
कर निर्धारण भी ऑनलाइन
अब तक भुगतान करने की व्यवस्था ही ऑन लाइन थी, लेकिन अब कर निर्धारण भी ऑनलाइन हो जाने से भवन स्वामियों को नगर निगम के दफ्तर नहीं आना पड़ेगा। उनका खुद का पासवर्ड भी जेनरेट हो जाएगा। नगर निगम में फासवर्ड कर अधीक्षक के साथ ही राजस्व निरीक्षक को भी दिया जाएगा। उन्हें फार्म सबमिट होने के एक सप्ताह में रिपोर्ट देनी होगी इसके लिए एलएमसी.यूपी.एनआइसी.इन वेबसाइट पर भवन कर के सेक्शन में स्वकर निर्धारण पेज को क्लिक करना होगा। पेज खुलने पर संपत्ति का प्रकार चुनना होगा। जैसे आवासीय है या अनावासीय या फिर मिश्रित (आवासीय व अनावासीय)। पेज पर अपेक्षित जानकारियां भरी जाएगी। जैसे नाम, पता, कॉरपेट एरिया ऑटो कैलकुलेटर से संपत्ति का वार्षिक किराया मूल्य (एआरवी) तय हो जाएगा। इसके बाद एआरवी का बारह प्रतिशत टैक्स जमा कर सकेंगे। भवन कर गणना का फार्म सबमिट करना होगा।
ऑनलाइन फार्म जमा होने पर दो बिंदुओं पर विभागीय आख्या अनिवार्य होगी, जिसमें नाम की जानकारी और कॉरपेट एरिया का सत्यापन कर अधीक्षक और राजस्व निरीक्षक की तरफ से किया जाएगा, जिसे एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देनी होगी। फार्म पर आख्या प्राप्त होने पर बिल जनरेट हो जाएगा और गृहकर भुगतान के लिए भवन स्वामी के मोबाइल फोन नंबर पर लिंक भेजा जाएगा। जानकारी की सत्यता के आधार पर हाउस टैक्स लागू होगा।