कई मौके ऐसे आते हैं कि आप पैसे निकालने के लिए एटीएम तक कैश लेने जाते हैं, लेकिन एटीएम में कैश नहीं होने के कारण आपको निराश होकर लौटना पड़ता है।एटीएम में कैश नहीं होने की बढ़ती शिकायतों के बाद आरबीआई ने इस मामले में सख्ती दिखाई है। भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को ये निर्देश दिए हैं कि अगर तीन घंटे से ज्यादा देर तक एटीएम खाली रहेंगे तो बैंकों पर जुर्माना लगाया जा सकता है। आरबीआई ने साफ किया है कि बैंकों को एटीएम खाली होने के तीन घंटे के भीतर ही उसमें नोट भरने होंगे।
एटीएम में कैश नहीं होने की बढ़ती शिकायतों पर आरबीआई का निर्देश खाली एटीएम की शिकायतों के बाद भारतीय रिजर्व बैंक के इस निर्देश से ये माना जा रहा कि अब बैकों के एटीएम ज्यादा समय तक कैशलेस नहीं रहेंगे। रिजर्व बैंक ने बैंकों को स्पष्ट तौर पर कहा है कि अगर तीन घंटे से ज्यादा समय तक एटीएम में कैश नहीं होगा तो ऐसे पर बैंकों पर जुर्माना लगाया जा सकता है। यह पेनाल्टी हर रीजन के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। आरबीआई ने ये फैसला खास तौर से छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में एटीएम खाली रहने की शिकायतों के बाद लिया है।
छोटे शहरों और कस्बों में अकसर एटीएम में कई दिनों तक कैश नहीं होने की शिकायत आती रहती हैं। इसकी वजह से लोगों को छोटी-छोटी रकम निकालने के लिए बैंकों की ब्रांचों में पहुंचना पड़ता है जिससे बैंक में भीड़ हो जाती है। वहीं बैंकिंग से जुड़े जानकारों के मुताबिक, एटीएम में कैश डालने में कई बार बैंक लापरवाही दिखाते हैं। हालांकि, बैंक से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल एटीएम में कैश का फ्लो सही है। पिछले दिनों जब कैश नहीं होने की शिकायतें आई थीं तो उसकी मुख्य वजह बैंकों के पास पर्याप्त कैश नहीं होना था। अब एटीएम में पर्याप्त मात्रा में कैश पहुंच रहे हैं।
इसलिए कई बैंक बंद रखते हैं अपने एटीएम फेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्रीज से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि एटीएम अपग्रेड करने से बैंकों का खर्चा बढ़ रहा है। इस कारण एटीएम संचालन की लागत कम करने के लिए कई बैंक एटीएम को बंद रखते हैं। बता दें कि पिछले साल आरबीआई ने बैंकों से अपने एटीएम को सुरक्षा की दृष्टि से अपग्रेड करने के लिए कहा था।
एटीएम में है कितना कैश, ऐसे चलता है पता किसी भी एटीएम में कितना कैश है, इसका पता बैंकों को एटीएम में लगे सेंसर के जरिये चलता है। इस सेंसर से रियल टाइम बेसिस पर कैश की जानकारी बैंकों को मिलती है। यानी कि एटीएम में कितना कैश है और कब तक वो खाली हो सकता है इसकी जानकारी बैंकों को पता चलती रहती है। हालांकि, बैंक कई बार इसमें लापरवाही करते हैं और एटीएम में कैश नहीं डालते हैं। जिससे यूजर्स को परेशानी का सामना करना पड़ता है।