लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. मसूद अहमद ने कहा कि प्रदेश सरकार और उसके अधिकारी ही लोकतंत्र के चौथे स्तंभ अर्थात मीडिया पत्रकारों पर ही हमला करने लगी है क्योंकि उनके द्वारा सरकार की व्यवस्था और अधिकारियों की कार्यशैली समय-समय पर उजागर की जाती है। मीरजापुर जनपद में पत्रकार पवन जायसवाल ने स्कूलों में बंटने वाले मिड-डे-मील की वास्तविकता उजागर की थी जिसमें बच्चों को नमक रोटी खिलाया जा रहा था। स्पष्ट है कि यह घटना मीरजापुर के प्रशासन पर एक बदनुमा दाग थी जिसमें नौनिहालों के मुह का निवाला छीना जा रहा था।
डाॅ. अहमद ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में समय- समय पर मिड-डे-मील में कीडे़ अथवा प्रदूषूण की मात्रा अधिक होना पकड़ा गया है जिसमें सैकडों बच्चे सरकारी अस्पतालों में भर्ती हुये हैं और राष्ट्रीय लोकदल ने समय-समय पर सरकार की इस अपराध लीला को उजागर भी किया है। वास्तविकता यह है कि प्रदेश का शिक्षा विभाग और उसके अधिकारी कमीशन खोरी में व्याप्त हैं जिससे न ही बच्चो को समय से पाठ्य पुस्तके और परिधान मिल पाता है और न ही पौष्टिक मिड डे मील। निश्चित रूप से प्रदेश के नौनिहालों और भावी नागरिकों के साथ इसे अन्याय ही कहा जायेगा।
रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने मांग की कि जहां भी अधिकारियों की ऐसी उदासीनता मिले प्रदेश सरकार उस अधिकारी को तुरंत निलम्बित करके उसके विरूद्व सख्त धाराओं में मुकदमा कायम कराए। पत्रकार बन्धुओं का उत्पीडन करके प्रशासन स्वयं अपना पीठ ठोकता है परन्तु सरकार की किरकिरी होती है। प्रदेश के मुख्यमंत्री को इन विषयों पर ध्यान देने की जरूरत हैं।