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महंगाई से छूटा आम आदमी का पसीना,बाढ़ व बारिश के कारण…

भारत के विभिन्न स्थानों के मौसम में इस बार बहुत ज्यादा अंतर देखा जा रहा है. कहीं इतनी अधित बारिश हो गई है कि बाढ़ आ गई है. तो कहीं लोग सूखे से परेशान हैं  बारिश के इंतजार में बैठे हैं. इसके चलते किसानों को बहुत ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि बेकार मौसम के चलते फसलें बेकार हो रही है. 

हल्की हुई आम आदमी की जेब 

बारिश की बूंदों के साथ ही महंगाई ने आम आदमी की जेब को हल्का करना प्रारम्भ कर दिया है. रसोई में दाल का स्वाद फीका हो रहा है  सब्जियों का स्वाद बिगड़ गया है. दाल-सब्जियों के तड़के से टमाटर के दाम ने भी आसमान छू लिया है. मानसून की दस्तक के साथ ही दाल-सब्जियों से लेकर तेल-मसालों की कीमतों में बढ़ोतरी हो गई है. सब्जियों के बढ़ रहे दाम का प्रभाव अब लोगों की थालियों में दिखने लगा है. सब्जियों के दामों में 50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है.

सब्जियों की पैदावार को हो रहा नुकसान

सब्जी मंडी में थोक कारोबारियों का बोलना है कि अभी दो महीने सब्जियों के दामों में इजाफा होगा. अन्य दिनों के मुकाबले इन दिनों बारिश के सीजन में आवक 60 प्रतिशत तक कम हो जाती है. कम स्टॉक होने  मांग अधिक होने से सब्जियों के रेट बढ़ जाते हैं. इसके अतिरिक्त बारिश के सीजन में कई स्थान सब्जियों की पैदावार को भी नुकसान होता है.

आइए जानते हैं कि सब्जियों के दाम में कितना इजाफा हुआ है.

सब्जी              पहले              अब
टमाटर 35 से 40  55 से 60
शिमला मिर्च 40  55 से 60
नेनुआ (तोरी) 30 से 35 35 से 40
परवल 30 से 40 55 से 60
भिंडी  20 से 25 35 से 40
लौकी  25 से 30  35 से 40
प्याज  25 से 30  35 से 40
आलू 16 से 18 20 से 22
धनिया  250 से 260 280 से 300
लहसुन  60 से 80 160-200

सबसे ज्यादा महंगाई टमाटर पर छाई 

धनिया  टमाटर के दाम बारिश के कारण आसमान पर हैं. कुछ ही दिनों में टमाटर की आपूर्ति कम होने के कारण टमाटर के भाव थोक में 50 प्रतिशत  फुटकर में दोगुने हो गए हैं. देश के कई हिस्सों में हो रही झमाझम बारिश के कारण सब्जियों के दाम आसमान पर हैं. सबसे ज्यादा महंगाई टमाटर पर छाई है.

टमाटर के शौकीनों की थाली से जहां टमाटर गायब है, वहीं हरी सब्जियां भी आंख से आंसू निकाल रही हैं. आलम यह है कि मार्केट में सब्जी की खरीदारी करने वाले लोग मोल भाव करने के बाद ही खरीदारी कर रहे हैं. जो सब्जी मंहगी लग रही है उसे नहीं खरीद रहे हैं. देखा गया है कि मूल्य में 10 जुलाई से तीव्र वृद्धि हुई है.

सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में टमाटर की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण के इरादे से शुक्रवार को सरकारी कंपनी मदर डेयरी से टमाटर की उपलब्धता बढ़ाने  इसे 40 रुपये प्रति किलो के भाव पर बेचने को बोला है.

छोटी इलाइची तीन हजार रुपये प्रति किलो

सुभाष मार्ग के थोक किराना कारोबारी सीताराम अग्रवाल के मुताबिक, बुधवार को छोटी इलाइची का थोक रेट 2500 से 3000 रुपये प्रति किलो रहा. तमिलनाडु के बोडी नामक जगहपर छोटी इलाइची की पैदावार होती है. लेकिन बारिश के कारण फसल बेकार होने से उसकी पैदावार प्रभावित हुई जिससे मांग की पूर्ति नहीं हो पा रही है.

महंगाई से छूटा आम आदमी का पसीना

बरसात में हरी सब्जियों तोरई, लौकी, कद्दू, भिंडी आदि खेतों में ही बेकार हो जाती हैं, क्योंकि एक दिन भी पानी बरसा तो उस दिन सब्जी तोड़ी नहीं जा सकती. बरसात में रास्तों पर कीचड़ होने के कारण वाहन खेत तक नहीं पहुंच पाते. इससे खेतों में ही सब्जियां बेकार हो जाती हैं. वहीं पानी बरसने के कारण मेहनतकश भी नहीं मिलते, जो सब्जी तोड़ने पर राजी होते हैं, वह अधिक पैसे की डिमांड करते हैं, इसीलिए बरसात में जहां सब्जियां आनी कम हो जाती हैं, वहीं महंगाई भी होती है.

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