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मुंह की बीमारियां वैश्विक स्तर पर लोगों के स्वास्थ्य के ऊपर गंभीर ख’तरा

मुंह की बीमारियां वैश्विक स्तर पर लोगों के स्वास्थ्य के ऊपर एक गंभीर ख’तरा हैं और बीते 30 सालों में ये भारत में प्रमुख बीमारियों में से एक हैं। ये शुक्रवार को लेंसेट में एक अध्ययन में छपा। इस रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में लगभग 350 करोड़ लोग मुंह की बीमारियों से प्रभावित हैं और कम आय वाले देशों में हालात ज्यादा खराब हैं। इन देशों में दांतों की बेसिक देखभाल तक मौजूद नही है और इस तरह से ज्यादातर बीमारियों का वहां पर इलाज नहीं हो पाता।

वैश्विक स्तर पर एक बहुत बड़ा स्वास्थ्य खतरा होने के बावजूद भी मुंह के स्वास्थ्य को पारंपरिक स्वास्थ्य सेवा और स्वास्थ्य नीति से लंबे समय के लिए अलग रखा गया। दक्षिण एशियाई देशों में मुंह का कैंसर बहुत ही व्यापक स्तर पर फैला हुआ है। मुंह की बीमारियों का लोगों पर और स्वास्थ्य देखभाल के सिस्टम दोनों पर बहुत ही गहरा आर्थिक असर है। अध्ययन में बताया गया कि अगर इन दक्षिण एशियाई देशों में दांतों की बीमारियों का सीधा इलाज किया जाए तो इन पर 12.84 बिलियन डॉलर का खर्च आएगा।

दांतों की देखभाल की स्थिति वर्तमान में संकट में है। दांतो की देखभाल की सार्वजनिक सुविधाएं वर्तमान में अपर्याप्त, असमान और महंगी हैं जिसकी वजह से अरबों लोग आज भी दांत की आधारभूत देखभाल से वंचित रह जाते हैं। मुंह के स्वास्थ्य की स्थितियां कई समान ख’तरे के कारकों की वजह से होती हैं जैसे कि चीनी के सेवन से, तंबाकू और शराब का सेवन। इस स्थिति को दूर करने के लिए जरूरी है कि स्वास्थ्य देखभाल के सिस्टम में दांतों की देखभाल को भी हिस्सा दिया जाए, खासतौर से प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में।

 

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