आज हम अगर अपनी जिंदगी में एक सफल इंसान बने हैं तो उसके पीछे हमारे शिक्षकों की मेहनत छिपी है। जिन्होंने हमें उच्च शिक्षा प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और हमें हमेशा आगे बढ़ने के लिए ही प्रेरित किया। ऐसे ही शिक्षक की कहानी हम लेकर आए हैं जो अपने हर एक छात्र को पढ़ाने में किसी भी तरह की कमी नहीं छोड़ रहे हैं।
ब्लैक बोर्ड पर बिना दोनों हाथों की कलाइयों के कलम चलते ये शिक्षक हैं राजेश पंद्रे, एक हादसे ने इनके दोनों हाथ छीन लिए लेकिन इन का हौसला नहीं छीन पाया। राजेश ने इस हादसे के बाद न सिर्फ सर्वोच्च अंकों के साथ अपनी पढ़ाई पूरी की बल्कि उस ने अब बच्चो को पढ़ना भी शुरू कर दिया है। राजेश पढ़ लिख कर राकेश ने न सिर्फ शिक्षक होने का सम्मान पाया बल्कि अगली पीढ़ी का भविष्य भी के लिए काफी कार्य कर रह रहे हैं। उन्हें एक अच्छी शिक्षा दे रहे हैं।