गोहत्या की याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस जेएस खेहर और जस्टिस एन.वी रमाना की पीठ ने कहा कि वह राज्यों को गोहत्या पर रोक लगाने के लिए आदेश जारी नहीं कर सकते। शीर्ष अदालत ने कहा कि पूरे देश में गोहत्या पर रोक का आदेश कोर्ट की ओर से पारित नहीं किया जा सकता।
पूर्व में शीर्ष अदालत की ओर से पशुओं की एक राज्य से दूसरे राज्य में अवैध तस्करी पर रोक लगाने के आदेश वाले फैसले आ चुके हैं। हालांकि इस बार कोर्ट ने दिल्ली के विनीत सहाय की पीआईएल को खारिज कर दिया। लंबी सुनवाई के दौरान सहाय के वकील ने कोर्ट में कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में पशु हत्या और उन्हें लाने ले जाने को लेकर असमान कानून हैं। सहाय ने अदालत में कहा कि तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश जैसे राज्य में इस बाबत कठोर कानून हैं, जबकि पड़ोसी राज्य केरल में इसे लेकर ढीले कानून हैं। इसके चलते अंतरराज्यीय स्तर पर पशुओं की अवैध तस्करी होती है।
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