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वसुधैवकुटुम्बकम’ हमारे संविधान का आधार है: मुख्तार अब्बास नकवी

लखनऊ। 6 देशों के पूर्व व वर्तमान राष्ट्राध्यक्षों एवं 57 देशों से पधारे मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों व कानूनविद्ों को सम्बोधित करते हुए अल्पसंख्यक कल्याणमंत्री, भारत सरकार, श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि ‘एकता की भावना’ ही हमारे संविधान का मूल आधार है जो न सिर्फ देश को अपितु सारे विश्व को एकता, शान्ति व सौहार्द से मिलजुलकर रहने को प्रेरित करती है। हमारा संविधान वसुधैवकुटुम्बकम की भावना को अक्षरशः चरितार्थ करता है। श्री नकवी ने कहा कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल ने बच्चों के अधिकारों को लेकर जो आवाज पूरे विश्व में बुलन्द की है, वह प्रशंसनीय है। श्री नकवी आज सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में आयोजित ‘अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन’ में पधारे मुख्य न्यायाधीशों व न्यायाधीशों के स्वागत समारोह में बोल रहे थे।

प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने दीप प्रज्वलित कर स्वागत समारोह का विधिवत उद्घाटन किया। स्वागत समारोह के उद्घाटन के बाद बोलते हुए प्रदेश के उपमुख्य मंत्री डा. दिनेश शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि विश्व के सभी देश मिलकर संसार को सुरक्षित बनाने के लिए सहयोग करें एवं भावी पीढ़ी को स्वच्छ व भयरहित समाज उपलब्ध कराने में ठोस पहल करें। डाॅ शर्मा ने मानव अधिकारों के लिए सोचने व विश्व भर के मुख्य न्यायधीशों को एक मंच पर लाने के लिए सी.एम.एस. की प्रशंसा की और कहा कि बच्चे हमारा भविष्य हैं और उनका हित हमारे लिए सर्वोपरि होना चाहिए। सी.एम.एस. प्रेसीडेन्ट प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने भी देश-दुनिया से पधारे न्यायविद्ों व कानूनविद्ों का स्वागत करते हुए कहा कि मानव के ज्ञान, रचनात्मकता एवं क्षमता से एक शान्तिपूर्ण विश्व की स्थापना निश्चित रूप संभव है, बस जरूरत इस बात की है कि इस उद्देश्य हेतु ईमानदारी व खुलेदिल से प्रयास किया जाए। इससे पहले, आज अपरान्हः सत्र में विभिन्न देशों से पधारे न्यायविद् व कानूनविद् एक प्रेसकान्फ्रेन्स में पत्रकारों से मिले और इस ऐतिहासिक सम्मेलन के उद्देश्यों पर विस्तृत चर्चा की। पत्रकारों से बातचीत करते विभिन्न देशों न्यायविद् ने विश्व के दो अरब बच्चों के सुरक्षित भविष्य हेतु सी.एम.एस. की पहल की भरपूर सराहना करते हुए कहा कि इस अन्र्तष्ट्रीय सम्मेलन के माध्यम से सीएमएस विश्व के बच्चों के लिए एक नया भविष्य निर्मित कर रहा है साथ ही साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी नये आयाम स्थापित कर रहा है। न्यायविद्ों का कहना था कि आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है दुनिया के देशों में एकता की। हम केवल अपने बारे में न सोचें बल्कि अपने पड़ोसी के बारे में भी सोचें। अब समय आ गया है कि सारा संसार एक अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था में बँध जाये तभी विश्वव्यापी समस्याओं का समाधान प्राप्त किया जा सकता है। प्रेसकान्फ्रेन्स में न्यायमूर्ति ,जस्टिस एबोए-ओसुजी, न्यायाधीश, अन्तर्राष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट, नीदरलैण्ड, न्यायमूर्ति  जस्टिस अन्टोनियोकेसिया-एमबीईमिनदुआ, न्यायाधीश, अन्तर्राष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट, नीदरलैण्ड समेत अनेक न्यायविद् अपने विचार व्यक्त किये।

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