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अयोध्या प्रकरण : एक हफ्ते में रिपोर्ट देने का आदेश

लखनऊ । सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद अयोध्या भूमि विवाद मामले में जारी मध्यस्थता प्रक्रिया के संबंध में बृहस्पतिवार को एक सप्ताह के अंदर नवीनतम स्थिति रिपोर्ट सौंपे जाने का आदेश दिया। भाषा के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) एफ एम आई कलीफुल्ला से 18 जुलाई तक स्थिति रिपोर्ट सौंप देने का अनुरोध किया।

आयोध्या प्रकरण का अगला आदेश

साथ ही पीठ ने यह भी कहा कि वह आयोध्या प्रकरण का अगला आदेश भी 18 जुलाई को ही देगी। उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) एफ एम आई कलीफुल्ला तीन सदस्यीय मध्यस्थता पैनल के अध्यक्ष हैं। संविधान पीठ ने कहा कि नवीनतम स्थिति रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद अगर उसे लगेगा कि मध्यस्थता प्रक्रिया विफल रही तब मुख्य अयोध्या विवाद मामले की सुनवाई न्यायालय 25 जुलाई से दिन प्रतिदिन के आधार पर करेगा। अयोध्या भूमि का मालिकाना हकः सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता प्रक्रिया के लिए 15 अगस्त तक का समय दिया

सुनवाई के दौरान राम लला विराजमान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने याचिका का समर्थन किया और कहा कि उन्होंने पहले भी मध्यस्थता समिति में मामला भेजे जाने का विरोध किया था। याचिका का विरोध कर रहे मुस्लिम पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा कि यह नयी याचिका उन्हें डराने-धमकाने की चाल है इसलिए मध्यस्थता प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए। हालांकि, पीठ ने धवन को बताया कि चूंकि उच्चतम न्यायालय ने मध्यस्थता समिति का गठन किया था तो उसे समिति से ताजा स्थिति रिपोर्ट प्राप्त करने का अधिकार है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता के एस परासरण ने कहा कि शुरुआत से ही इस तरह के विवाद को मध्यस्थता के जरिए सुलझाना काफी मुश्किल रहा है।

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