कैंसर और दिल की बीमारियों की दवाएं सस्ता और आसानी से मिलें इसके लिए ज़रूरी दवाओं की नई लिस्ट बनाई जा रही है. गुरुवार को इस मामले पर बनी समिति की पहली बैठक हुई. सरकार चाहती है कि कैंसर और दिल की बीमारियों की महंगी दवाओं को वाजिब कीमत पर मरीजों को उपलब्ध कराया जाए. साथ ही ये भी पक्का किया जाए कि ऐसी दवाओं की सप्लाई बनी रहे. बैठक में हेल्थकेयर एक्टिविस्ट, दवा कंपनियों के प्रतिनिधि और मेडिकल डिवाइसेज़ इंडस्ट्री के लोग शामिल हुए.
देश में जरूरी दवाओं की लिस्ट तैयार की जाए
हेल्थ केयर एक्टिविस्ट ग्रुप AIDAN ने कीमतों की सीमा तय करने पर ज़ोर दिया ताकि सभी के लिए दवाएं वाजिब दाम पर मिल सकें. खासतौर पर WHO की ओर से ज़रूरी दवाओं की जो लिस्ट है उसके हिसाब से ही भारत में भी ज़रूरी दवाओं की लिस्ट तैयार की जाए. WHO की कोर लिस्ट में कुल 460 ज़रूरी दवाएं हैं. हालांकि दवा कंपनियों की दलील थी कि अगर कीमतों को ज्यादा घटाया गया तो ज़रूरी दवाओं का प्रोडक्शन प्रभावित होगा. इससे ऐसी दवाओं की सप्लाई कम हो सकती है.
मेडिकल डिवाइस बनाने वाली घरेलू कंपनियों ने सिंरीज़, नीडल्स आदि को भी प्राइस कंट्रोल में लाने का सुझाव दिया है. कमेटी ज़रूरी दवाओं के अलावा मेडिकल डिवाइसेज़, इलाज में इस्तेमाल होने वाले ग्लोव्स, बैंडेज जैसे कंज्यूमेबल्स और हाइजीन प्रोडक्ट्स जैसे कि हैंड सैनिटाइज़र आदि को भी ज़रूरी दवाओं की लिस्ट में शामिल करना चाहती है.